नशा कर निकलता था बच्चों की तलाश में, 40 किमी तक चल लेता था, कहानी कासगंज के हैवान रवींद्र की

हिमांशु मिश्रा

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उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में कोर्ट ने 30 बच्चों का शिकार बनाने वाले दरिंदे को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने आरोपी को एक 6 साल के बच्चे के अपहरण, हत्या और शारीरिक शोषण के मामले में दोषी करार दिया है. पुलिस ने रविंद्र कुमार को 2015 में बाहरी दिल्ली इलाके से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने इस मामले में अधिकतम सजा की मांग की है. कोर्ट अगले दो हफ्तों के अंदर दोषी रविंद्र को सजा सुनाएगी. रविंद्र कुमार ने साल 2008 से 2015 के बीच 30 बच्चों को शिकार बनाया था.

कौन है रवींद्र कुमार?

साल 2008 में रवींद्र कुमार की उम्र सिर्फ 18 साल थी.वह कासगंज से रवींद्र दिल्ली काम की तलाश में आया था. रविंद्र कुमार के पिता प्लम्बर का काम करते थे, जबकि उसकी मां लोगों के घरों में काम करती थी. दिल्ली आने के कुछ ही दिन बाद रविंद्र को नशे की लत लग गई थी. जांच में सामने आया है कि जब भी रविंद्र नशा कर लेता था तो वो बच्चो की तलाश में निकल पड़ता था.

पुलिस के मुताबिक, रविंद्र कुमार पूरे दिन मजदूरी करता था. उसके बाद शाम को जब नशा करता और फिर अपनी झुग्गी में सोने जाता. 8 बजे रात से लेकर आधी रात के बीच अचानक से इसके अंदर एक शैतान जाग जाता और फिर रविंद्र बच्चों की तलाश में अपनी झुग्गी से बाहर निकलता था.

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40 किलोमीटर तक चलता था पैदल

जांच में सामने आया है कि कई बार तो रविंद्र 40 किलोमीटर तक बच्चों की तलाश में पैदल चल जाता है. वह बच्चों की तलाश में ज्यादातर कंस्ट्रक्शन साइट्स के आसपास घूमता, झुग्गी-बस्ती के आसपास घूमता या फिर ऐसी जगहों से जहां पर अगर वह किसी बच्चे को बहलाता-फुसलाता था तो वह किसी की नजर में ना आए. यह बच्चों को अक्सर 10 रुपये का नोट दिखाकर, कभी चॉकलेट दिखाकर बहलाता और फिर अपने साथ किसी सुनसान जगह ले जाता.

दो बार पकड़ा गया था रविंद्र

रविंद्र कुमार को दिल्ली पुलिस ने 2014 में भी पकड़ा था तब इसपर 6 साल के बच्चे के अपहरण हत्या की कोशिश और शारीरिक शोषण का आरोप था. आरोप था कि अपहरण के बाद रविंद्र कुमार ने बच्चे को सेप्टिक टैंक में फेंक दिया था. इसके बाद बाहरी दिल्ली की बेगमपुर पुलिस साल 2015 में 6 साल की एक बच्ची की अपहरण, हत्या और शारीरिक शोषण के एक मामले की जांच कर रही थी.

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पुलिस की टीम ने रविंद्र कुमार को रोहिणी के सुखबीर नगर बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया था. रविंद्र तक पहुंचने से पहले पुलिस ने दर्जनों सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की थी. अपने तमाम मुखबिरों से पूछताछ की थी तब कहीं जाकर पुलिस रविंद्र तक पहुंची थी. बेगमपुर इलाके से ही आरोप है कि रविंद्र कुमार ने 6 साल के बच्चे का अपहरण किया था, उसका शारीरिक शोषण करने के बाद उसका गला रेत दिया था और फिर उसको सेप्टिक टैंक में फेंक दिया था.

बेहद शातिर था रविंद्र कुमार

साल 2008 में दिल्ली के कराला इलाके से रविंद्र ने एक मासूम बच्ची का अपहरण करने के बाद उसका रेप किया फिर उसकी हत्या कर दी थी. जब रविंद्र इस केस में पकड़ा नहीं गया तो इसके बाद उसकी लत पड़ गई और दिल्ली, एनसीआर समेत आसपास के जिलों तक इसने बच्चों के साथ वारदातों को अंजाम दिया. रविंद्र ने ज्यादातर बच्चों की हत्या कर दी थी. पकड़े जाने के डर से रविंद्र एक जगह पर दोबारा वारदात को अंजाम नहीं देता था. पकड़े जाने के बाद रविंद्र कुमार ने अपने गुनाहों की जानकारी पुलिस को दी थी.

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