फिरोजाबाद: बुखार की वजह आई सामने, सेंट्रल टीम ने डेंगू सहित इन बीमारियों का लिया नाम
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में बुखार के कहर के बीच केंद्र की टीम ने पाया है कि यहां ज्यादातर केस की वजह डेंगू है, जबकि…
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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में बुखार के कहर के बीच केंद्र की टीम ने पाया है कि यहां ज्यादातर केस की वजह डेंगू है, जबकि कुछ मामलों का कारण स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पाइरोसिस है.
केंद्र की इस टीम को फिरोजाबाद में बुखार के कहर की वजह पता लगाने के साथ-साथ इसकी रोकथाम के लिए उपाय सुझाने के लिए भेजा गया था. इस टीम में नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (NCDC) और नेशनल वेक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम (NVBDCP) के लोग शामिल थे.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यूपी चीफ सेक्रेटरी को एक लेटर लिखा है, जिसमें केंद्र की टीम की ओर से फिरोजाबाद के लिए ये सुझाव दिए गए हैं:
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सभी बुखार के मरीजों की डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस और लेप्टोस्पाइरोसिस के लिए स्क्रीनिंग की जाए.
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ELISA आधारित टेस्टिंग सुविधाओं को बढ़ाए जाने की जरूरत है.
फीवर सर्वे, वेक्टर कंट्रोल और फीवर कैंप से संबंधित गतिविधियों को सेंट्रल टीम की ओर से सौंपे गए माइक्रो प्लान के हिसाब से जारी रखा जाए.
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फिरोजाबाद के जिला अस्पताल और आसपास के जिलों में आइसोलेशन बेड और भर्ती करने की सुविधाएं बढ़ाई जाएं.
इस लेटर में यह भी बताया गया है कि NCDC ने जिले में 14 दिनों के लिए दो EIS ऑफिसर की तैनाती की है और वे इस संकट से निपटने में जिले की मदद करेंगे.
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी 6 सितंबर को SGPGI, KGMU और RMLIMS लखनऊ के तीन-तीन विशेषज्ञ चिकित्सकों की तीन टीम गठित कर फिरोजाबाद, मथुरा और आगरा भेजने के निर्देश दिए. ये टीमें स्थानीय डॉक्टरों का मार्गदर्शन करेंगी.
फिरोजाबाद में हो चुकी हैं 50 से ज्यादा मौतें, अस्पताल में बेड मिलना मुश्किल
फिरोजाबाद जिला प्रशासन की ओर से बताए गए आंकड़ों के मुताबिक, अब तक यहां 50 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. इस बीच अस्पतालों में बेड भरे हुए हैं. यूपी तक संवाददाता ने फिरोजाबाद शहर के पास में ही नगला साला गांव में हालात का जायजा लिया और उन्हें ज्यादातर घरों में बुखार से पीड़ित लोग मिले.
फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज में बच्चों के लिए विशेष वॉर्ड की व्यवस्था भी की गई है. अस्पताल के चारों ओर महिलाओं और बच्चों का जमावड़ा है.
ड्यूटी नर्स कहती हैं कि सिर्फ अपनी शिफ्ट में रोज वह 150 बच्चों के सैंपल ले रही हैं और बड़ी संख्या में बीमार बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं.
मेडिकल कॉलेज में बच्चों के इलाज के लिए बनाए गए विशेष विभाग की प्रिंसिपल डॉ संगीता भी मानती हैं कि समस्या गंभीर है लेकिन उनका कहना है कि अस्पताल अपनी ओर से कोई कमी नहीं होने दे रहा. डॉ संगीता के मुताबिक, अस्पताल की ओर से अब तक 294 सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए, जिसमें 156 में डेंगू की पुष्टि हुई है और सैंपल कलेक्शन लगातार जारी है.
(आशुतोष मिश्रा के इनपुट्स सहित)
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