नवरात्रि में 9 दिन का व्रत रखती हैं अलीगढ़ की मुस्लिम महिला रूबी खान, गजब है इनकी कहानी
Aligarh News: एक तरफ जहां देश-दुनिया में बढ़ती धार्मिक कट्टरता को लेकर चिंता जताई रही है, वहीं ऐसी भी कहानियां सामने आ रही हैं, जो…
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Aligarh News: एक तरफ जहां देश-दुनिया में बढ़ती धार्मिक कट्टरता को लेकर चिंता जताई रही है, वहीं ऐसी भी कहानियां सामने आ रही हैं, जो सर्व धर्म समभाव को बढ़ाने वाली हैं. ऐसी ही एक कहानी है अलीगढ़ की मुस्लिम महिला रूबी आसिफ खान की. रूबी खान अलीगढ़ में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल के रूप में सामने आई हैं. रूबी खान इस बार फिर नवरात्र के व्रत रख रही हैं. वह सुबह माता दुर्गा की पूजा कर पूरे दिन व्रत रखती हैं. अब जबकि रमजान का महीना भी शुरू हो रहा है तो वह नवरात्र के व्रत और रोजे साथ-साथ रखेंगी.
रूबी कहती हैं, ‘मैं यह संदेश देना चाहती हूं कि हिंदू और मुस्लिम सब एक हैं. उनके बीच में कोई भी भेदभाव नहीं है. वह तो कुछ लोग हैं, जो नहीं चाहते कि यह भेदभाव खत्म हो. मुझे उन लोगों से कोई फर्क नहीं पड़ता.’ आपको बता दें कि रूबी आसिफ खान भारतीय जनता पार्टी की जयगंज मंडल की उपाध्यक्ष भी हैं. रूबी पूजा और घर में गणेश प्रतिमा रखने पर कट्टरपंथियों के निशाने पर भी रहा करती हैं.
रूबी आसिफ खान ने कहा कि, ‘नवरात्रि और रमजान, दोनों साथ पड़ रहे हैं. मैं व्रत भी रखूंगी और रोजे भी रखूंगी. रोजे का टाइम होगा उसी तरीके से उसी के हिसाब से चलूंगी. पूजा का जो भी टाइम है पूजा करूंगी. पूजा पिछले 8 साल से करते हुए आ रही हूं. मैं यही चाहूंगी कि सभी लोग मिलजुलकर यह त्यौहार मनाएं. हिंदू-मुस्लिम की एकता रहे. इसी तरह कोई भेदभाव ना रहे किसी के बीच. मैं चाहती हूं कि रमजान, ईद मिलकर मनाएं और इसी तरीके से व्रत भी रहें. मैं और मेरी बहन सब मिलजुलकर व्रत रखें. कोई भेदभाव ना समझें. हिंदू मुसलमान के बीच हमेशा एकता का संदेश देती आई हूं और देती रहूंगी.’
रूबी ने आगे कहा, ‘इतने जो विवाद हो जाते हैं छोटी-छोटी बातों पर, कभी कब्रिस्तान की बाउंड्री के चक्कर में, कभी मंदिर के चक्कर में, इन विवादों को खत्म करें और मिल जुल कर रहें. मुझे कट्टरपंथी तो निशाने पर रखते हैं और रखते रहेंगे, लेकिन मैं इनसे नहीं डरती हूं ना डरूंगी. जो मुझे करना है इस देश के लिए वही करूंगी.’
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रूबी आसिफ खान के पति आसिफ ने बताया कि मेरी पत्नी हमेशा भेदभाव खत्म करने के लिए कुछ ना कुछ करती रहती हैं. वह हमेशा अपनी तरफ से एकता का संदेश देती रहती हैं. इसी क्रम में वह नवरात्र के व्रत और रोजे, दोनों एक साथ रख रही हैं.
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