MBA के बाद नहीं लगा नौकरी में मन, शुरू की नक्काशी, अब अरुण की मूर्ति लगेगी राम मंदिर में

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मैसूरु के शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की एक नई मूर्ति को अयोध्या में राम मंदिर में स्थापना के लिए चुना गया है. मंदिर न्यास के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को यह जानकारी दी.

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Arun Yogiraj News: मैसूरु के शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई रामलला की एक नई मूर्ति को अयोध्या में राम मंदिर में स्थापना के लिए चुना गया है. मंदिर न्यास के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को यह जानकारी दी. राय ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का जवाब देते हुए कहा कि रामलला की वर्तमान मूर्ति को भी नए मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा. बता दें कि अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होना है.

चंपत राय की न अरुण की तारीफ

अरुण योगीराज की तारीफ करते हुए चंपत राय ने कहा, ‘कई पीढ़ियों से उनके परिवार में मूर्ति निर्माण का कार्य चल रहा है. केदारनाथ में शंकराचार्य जी की प्रतिमा और दिल्ली में सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी इसी नौजवान ने बनाई है. अरुण बहुत कम उम्र का है. वो अत्यंत विनम्र और हंसमुख है. जिस तरह से उसने यह जीवन जिया है, आप सोच नहीं सकते. उसने अपने परिवार से 15-15 दिन बात तक नहीं की. ट्रस्ट उसकी एकाग्रता और काम की प्रशंसा करता है.”

कौन हैं अरुण योगीराज?

मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों वाले परिवार की पृष्ठभूमि से आने वाले अरुण योगीराज वर्तमान में देश में सबसे अधिक मांग वाले मूर्तिकार हैं. अरुण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं. उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था. अरुण योगीराज भी बचपन से ही नक्काशी के काम से जुड़े रहे हैं.

अरुण की अपनी ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, एमबीए पूरा करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक एक निजी कंपनी में काम किया. मगर जन्मजात मूर्तिकला पेशे कौशल के की वजह से उनका नौकरी करने में मन नहीं लगा. इसके बाद साल 2008 से उन्होंने अपना नक्काशी में करियर जारी रखा है.

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