लखीमपुर खीरी | मंत्री टेनी बोले- ‘स्वास्थ्य कारणों से पुलिस के सामने पेश नहीं हुए आशीष’

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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा 8 अक्टूबर को पुलिस के सामने पेश नहीं हुए, इसलिए अब उनके घर के बाहर दूसरा नोटिस चस्पा कर उन्हें 9 अक्टूबर सुबह 11 बजे तक का समय दिया गया है.

8 अक्टूबर दोपहर बाद उनके घर के बाहर चस्पा नोटिस में कहा गया है, ‘‘शनिवार को प्रात: 11 बजे अपराध शाखा कार्यालय पुलिस लाइन लखीमपुर खीरी में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करें. यदि आपके द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो नियमानुसार विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी.’’

इससे पहले पुलिस ने 7 अक्टूबर की शाम उनके घर के बाहर नोटिस चस्पा कर आशीष को 8 अक्टूबर सुबह 10 बजे हाजिर होने के लिए कहा था, लेकिन 8 अक्टूबर को पुलिस लाइन में वह नहीं पहुंचे, जहां उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया गया था.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘‘आशीष को पुलिस ने सुबह 10 बजे तलब किया था, लेकिन वह आज नहीं पहुंचे. जांच टीम का नेतृत्व कर रहे पुलिस उपमहानिरीक्षक (मुख्यालय) उपेंद्र अग्रवाल समय पर कार्यालय पहुंच गए थे.’’

वहीं, न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, आशीष मिश्रा के 8 अक्टूबर को 10 बजे क्राइम ब्रांच ऑफिस नहीं पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा, “मेरे बेटे को कल तलब किया गया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वह पुलिस को रिपोर्ट नहीं कर सका. वह कल रिपोर्ट करेगा.”

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इससे पहले मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के नेपाल भाग जाने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘अगर यह सच है, तो केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और आरोपी को नेपाल से गिरफ्तार करवाना चाहिए.’

7 अक्टूबर को दो लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष को लखीमपुर खीरी हिंसा के सिलसिले में पेश होने के लिए कहा था. हिंसा में 3 अक्टूबर को चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे. आशीष को 8 अक्टूबर को 10 बजे पुलिस लाइन में आने के लिए कहा गया था और इस बाबत नोटिस उनके आवास के बाहर चस्पा किया गया था.

इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में कहा है कि आशीष मिश्रा को जारी किए गए समन के बाद भी उनका कोई अता पता नहीं है. यह बहुत चिंताजनक बात है.

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बयान में कहा गया है, “लखीमपुर कांड’’ में शामिल सुमित जायसवाल, अंकित दास और अन्य को गिरफ्तार करने में पुलिस ढिलाई बरत रही है. बयान में कहा गया है कि थार वाहन (जिससे किसानों को कुचलने का आरोप है) में सुमित जायसवाल स्पष्ट रूप से वाहन से भागते हुए दिखाई दे रहे थे.

एसकेएम ने कहा कि इसी तरह एक और वीडियो क्लिप सामने आई है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी घटना में पकड़े गए एक व्यक्ति से पूछताछ कर रहा है, जो कह रहा है कि अंकित दास काफिले के फॉर्च्यूनर वाहन में था. संयुक्त किसान मोर्चा ने आशीष, सुमित और अंकित की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की हैं.

पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दो लोगों में बनबीरपुर गांव के लवकुश और निघासन तहसील के आशीष पांडेय शामिल हैं. 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. आरोप हैं कि इन किसानों को वाहन से टक्कर मारी गयी थी.

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किसानों ने दावा किया था कि आशीष मिश्रा काफिले के किसी वाहन में सवार थे. हालांकि, आशीष और उनके पिता अजय मिश्रा ने इन आरोपों से इनकार किया था. पुलिस ने मंत्री के बेटे और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच के लिए उप महानिरीक्षक (डीआईजी) उपेंद्र अग्रवाल की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय टीम का गठन किया था.

(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)

लखीमपुर खीरी केस: सुबह 10 बजे क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं हुए मंत्री के बेटे आशीष

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