बांदा का शजर पत्थर कैसे होता है, जिसके लिए DM दुर्गा शक्ति नागपाल को मिला ODOP अवॉर्ड
बांदा के शजर पत्थर की वजह से ही बांदा डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल को सम्मानित किया गया है. बांदा डीएम का सम्मान खुद केंद्रीय विदेश मंत्री जयशंकर और विदेश मंत्री पीयूष गोयल ने किया है.
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Banda News: आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल जहां माफियाओं और अपराधियों के लिए आफत बनकर सामने आईं हैं तो वहीं विकास की योजनाओं में भी वह बड़े कीर्तिमान बना रही हैं. देखा जाए तो चर्चित और हमेशा सुर्खियों में रहने वाली दुर्गा शक्ति नागपाल को जिलाधिकारी के तौर पर पाकर बांदा लगातार मीडिया में छाया हुआ है. इस बार बांदा का शजर पत्थर चर्चाओं में हैं.
बता दें कि बांदा के शजर पत्थर की वजह से ही बांदा डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल को सम्मानित किया गया है. बांदा डीएम का सम्मान खुद केंद्रीय विदेश मंत्री जयशंकर और विदेश मंत्री पीयूष गोयल ने किया है. दरअसल इस बार डीएम बांदा को एक जिला-एक उत्पाद योजना को लेकर सम्मान मिला है. डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने बांदा के शजर पत्थर को एक जिला-एक उत्पाद योजना के तहत काफी बढ़ावा दिया है. इसका फायदा बांदा के कारोबार और बांदा की पहचान को भी मिला है.
दुर्गा शक्ति नागपाल की वजह से शजर पत्थर को मिली पहचान
बांदा डीएम को शजर पत्थर को बढ़ावा देने के लिए ही विदेश मंत्री ने सम्मानित किया है. बता दें कि डीएम बांदा के प्रयासों से ही शजल पत्थर को जीआई टैग दिया गया है. राम मंदिर में भी एक शिल्पी का निर्माण बांदा के शजर पत्थर से ही किया गया है.
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सम्मान मिलने पर क्या बोलीं डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल
सम्मान मिलने के बाद डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा, शजर पत्थर के हस्त शिल्पी कारीगरों के हुनर और मेहनत के कारण ही शजर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है. उनकी मेहनत को कोई नकार नही सकता. शजर पत्थर बांदा का ODOP ( एक जिला एक उत्पाद) प्रोडक्ट है. ये बांदा के लिए अच्छी खबर है.
Honoured to receive ODOP Award 2023 from Hon’ble External Affairs Minister @DrSJaishankar & Hon’ble Commerce and Industries Minister Sh @PiyushGoyal for promoting Shazar stone, Banda’s unique product, at Aatmanirbhar Bharat Utsav. UP also bagged the best State award. @CMOfficeUP https://t.co/Lr7BNhCK9a
— Durga Shakti Nagpal (@DurgaShaktiIAS) January 3, 2024
आखिर क्या है ये शजर पत्थर
बता दें कि शजर पत्थर बांदा की जीवनदायिनी केन नदी में ही पाया जाता है. कहते हैं कि पूर्णिमा की चांदनी रात में, पानी में पड़े पत्थर पर उसके ऊपर की छाव या परछाई, पत्थर पर आकृति के तौर पर ढल जाती है. जैसे पेड़ पत्ती, मनुष्य, पक्षी आदि. इसके बाद हस्त शिल्पी कारीगर उसमें उसकी सुंदरता को निखारते हैं. बता दें कि हर पत्थर शजर पत्थर नहीं होता है. बांदा से शजर पत्थर की मांग विदेशों तक में है. इस पत्थर को काफी शुभ माना जाता है.
(सिद्धार्थ गुप्ता के इनपुट के साथ)