क्या योगी आदित्यनाथ से खफा हैं ब्राह्मण? यूपी सीएम ने दिया जवाब

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ब्राह्मणों से जुड़ी सियासत भी जोरों पर है. इस बीच विपक्ष राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर ब्राह्मण विरोधी होने के आरोप भी लगा रहा है. ऐसे में 5 सितंबर को जब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिंदुस्तान पूर्वांचल सम्मान समारोह में पहुंचे तो उनसे इस मुद्दे से जुड़ा सवाल किया गया.

सीएम योगी से पूछा गया- आपके बारे में कहा जाता है कि ब्राह्मण आपसे खफा हैं, ऐसा है क्या? इस पर योगी आदित्यनाथ ने जवाब दिया, ”(ब्राह्मण) मुझसे खफा होते तो पंडित छन्नूलाल जी यहां क्यों बैठते?”

दरअसल इस कार्यक्रम में सीएम योगी ने 50 शख्सियतों का सम्मान किया और ‘विकास की तस्वीर’ पेश की. इस दौरान कार्यक्रम में जानेमाने शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र भी मौजूद थे, जिनका जिक्र सीएम योगी ने किया.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रबुद्ध समाज हमारे इन कामों से संतुष्ट है कि हम लोगों ने अयोध्या को, मथुरा को, काशी आदि को उनकी सही पहचान दिलाने का काम किया है.

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ब्राह्मणों को लेकर योगी सरकार को इस तरह घेरने में लगा विपक्ष

यूपी की सियायत में ब्राह्मण वोटरों की बात करें, तो सीएसडीएस पोस्ट-पोल सर्वे के मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यूपी में 82 फीसदी ब्राह्मणों के वोट मिले थे. जबकि 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करीब 80 फीसदी ब्राह्मणों ने वोट किया था.

ऐसे में ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने के लिए विपक्षी पार्टियां लगातार बीजेपी को निशाने पर ले रही हैं. इनमें बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) काफी सक्रिय दिख रही है. बीएसपी ने 23 जुलाई से यूपी के अलग-अलग जिलों में प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठी का आयोजन किया है. ये सम्मेलन बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की अगुवाई में हुए हैं, जो पार्टी के प्रमुख ब्राह्मण चेहरे भी हैं. बीएसपी ने खास तौर पर इन सम्मेलनों में ब्राह्मण वर्ग का जिक्र किया है. दरअसल, उसकी कोशिश है कि 2007 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को जिस दलित-ब्राह्मण गठजोड़ ने सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी, उसे फिर से भुनाया जाए.

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23 जुलाई को अयोध्या में आयोजित हुए बीएसपी के प्रबुद्ध सम्मेलन में सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा था, ”पिछली बार 2007 में सरकार बनने पर तब की मुख्यमंत्री और हमारी नेता मायावती ने ब्राह्मण समाज को सत्ता में बढ़-चढ़कर भागीदारी और सम्मान दिया था, लेकिन आज जाति विशेष को मौजूदा बीजेपी सरकार द्वारा निशाना बनाया जा रहा है.”

आम आदमी पार्टी भी ‘फर्जी एनकाउंटर्स’ का आरोप लगाकर बीजेपी की अगुवाई वाली योगी सरकार को ब्राह्मण विरोधी बता चुकी है. ब्राह्मणों पर हो रही सियासत के बीच समाजवादी पार्टी (एसपी) भी इस वर्ग के वोटरों को लुभाने की दिशा में कदम बढ़ा चुकी है.

बीजेपी भी कर रही प्रबुद्ध सम्मेलन

बीजेपी भी 5 सितंबर से प्रबुद्ध सम्मेलन कर रही है. हालांकि बीजेपी के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में पार्टी के अलग-अलग जातियों के नेता प्रमुखता से दिख रहे हैं. पार्टी ने प्रबुद्ध वर्ग का जो वर्गीकरण सामने रखा है, वो भी बीएसपी से अलग है. मगर उसके प्रबुद्ध सम्मेलनों को बीएसपी को जवाब के तौर पर भी देखा जा रहा है.

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प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के जरिए बीजेपी शिक्षक, प्रोफेसर, इंजीनियर, डॉक्टर, साहित्यकार जैसे समाज के ‘प्रबुद्ध लोगों’ से संवाद कर रही है और केंद्र/प्रदेश की सरकार की ओर से ‘जनता के हित में किए जा रहे कामों’, सरकार की जनकल्याकारी योजनाओं, उपलब्धियों के बारे में बता रही है.

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