योगी कैबिनेट विस्तार पर विपक्ष का हमला, मायावती ने कहा- बेहतर होता पद नहीं करते स्वीकार
विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले यूपी में योगी सरकार के कैबिनेट विस्तार की कवायद विपक्षी दलों को रास नहीं आई है. पहले अखिलेश यादव…
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विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले यूपी में योगी सरकार के कैबिनेट विस्तार की कवायद विपक्षी दलों को रास नहीं आई है. पहले अखिलेश यादव और अब बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने योगी कैबिनेट विस्तार पर निशाना साधा है. पूर्व सीएम मायावती ने कहा है कि बीजेपी ने यूपी में जातिगत आधार पर जिनको भी मंत्री बनाया है, वे कुछ काम नहीं कर पाएंगे. बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि ऐसे में बेहतर यही होता कि वह पद स्वीकार नहीं करते. इससे पहले अखिलेश ने भी मंत्रिमंडल विस्तार को छलावा बताया था.
आपको बता दें कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 26 सितंबर को योगी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार किया गया. 7 नेताओं को मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई है. ऐसा कहा जा रहा है कि इस कैबिनेट विस्तार में बीजेपी ने कई सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश की है. कैबिनेट विस्तार में जितिन प्रसाद को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, जबकि दिनेश खटीक, छत्रपाल गंगवार, संगीता बलवंत बिंद, पलटू राम, संजय गोंड और धर्मवीर प्रजापति को राज्य मंत्री बनाया गया है.
‘जाति के आधार पर वोटों को साधने की कोशिश’, मायावती ने किया ट्वीट
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बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने योगी कैबिनेट विस्तार को जातिगत आधार पर वोटों को साधने की कोशिश बताया है. मायावती ने ट्वीट कर कहा, ‘बीजेपी ने कल यूपी में जातिगत आधार पर वोटों को साधने के लिए जिनको भी मंत्री बनाया है, बेहतर होता कि वे लोग इसे स्वीकार नहीं करते, क्योंकि जब तक वे अपने-अपने मंत्रालय को समझकर कुछ करना भी चाहेंगे तब तक यहां चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी. जबकि इनके समाज के विकास व उत्थान के लिए अभी तक वर्तमान भाजपा सरकार ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए हैं, बल्कि इनके हितों में बीएसपी की रही सरकार ने जो भी काम शुरू किये थे, उन्हें भी अधिकांश बंद कर दिया गया है. इनके इस दोहरे चाल-चरित्र से इन वर्गों को सावधान रहने की सलाह.’
1. बीजेपी ने कल यूपी में जातिगत आधार पर वोटों को साधने के लिए जिनको भी मंत्री बनाया है, बेहतर होता कि वे लोग इसे स्वीकार नहीं करते क्योंकि जब तक वे अपने-अपने मंत्रालय को समझकर कुछ करना भी चाहेंगे तब तक यहाँ चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगी।
— Mayawati (@Mayawati) September 27, 2021
अखिलेश यादव ने कैबिनेट विस्तार को छलावा बताया
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मायावती से पहले समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी योगी कैबिनेट विस्तार पर निशाना साधा. अखिलेश यादव ने ट्वीट कर इसे छलावा बताया. पूर्व सीएम ने ट्वीट में लिखा, ‘यूपी की बीजेपी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार भी एक छलावा है. साढ़े चार साल जिनका हक मारा आज उनको प्रतिनिधित्व देने का नाटक रचा जा रहा है. जब तक नए मंत्रियों के नामों की पट्टी का रंग सूखेगा, तब तक तो 2022 चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी. भाजपाई नाटक का समापन अंक शुरू हो गया है.’
उप्र की भाजपा सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार भी एक छलावा है। साढ़े चार साल जिनका हक़ मारा आज उनको प्रतिनिधित्व देने का नाटक रचा जा रहा है। जब तक नये मंत्रियों के नामों की पट्टी का रंग सूखेगा तब तक तो 2022 चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी।
भाजपाई नाटक का समापन अंक शुरू हो गया है। pic.twitter.com/eA70nUYjy0
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 26, 2021
जिन्हें योगी सरकार में मंत्री बनाया गया, वे कौन हैं?
हाल में ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए जितिन प्रसाद को यूपी में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. वह ब्राह्मण समाज से आते हैं. बहेड़ी विधानसभा से बीजेपी विधायक छत्रपाल गंगवार को राज्यमंत्री बनाया गया है. वह कुर्मी समुदाय से आते हैं. मेरठ की हस्तिनापुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक दिनेश खटीक योगी सरकार में राज्यमंत्री बने हैं. वह दलित समुदाय से आते हैं.
गाजीपुर सदर सीट से विधायक संगीता बलवंत राज्यमंत्री बनी हैं और वह बिंद समाज से आती हैं. सोनभद्र के ओबरा से विधायक संजय गोंड को भी राज्यमंत्री बनाया गया है. वह अनुसूचित जनजाति से आते हैं. बलरामपुर के सदर विधायक पलटूराम भी राज्यमंत्री बने हैं. पलटू राम अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं. आगरा के एमएलसी धर्मवीर प्रजापति को भी योगी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री बनाया गया है. वह कुम्हार समुदाय से आते हैं.
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