दलित वोटों पर नजर, अखिलेश ने BSP के पूर्व दिग्गज को सौंपी बाबा साहब वाहिनी की कमान
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव अपने वोटों में इजाफे के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहे हैं. इसी…
ADVERTISEMENT
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव अपने वोटों में इजाफे के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहे हैं. इसी में से एक योजना है मायावती के वोट बैंक में सेंध लगाना. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) से दलितों को अपने पाले में करने के लिए अखिलेश यादव ने ‘समाजवादी बाबा साहब वाहिनी’ बनाई है और इसकी कमान बीएसपी के एक पूर्व दिग्गज नेता को सौंप दी है.
यूपी के लिए काफी अहम दलित वोटों पर नजर रखते हुए अखिलेश यादव ने बीएसपी के पूर्व जोनल कोऑर्डिनेटर मिठाई लाल भारती को समाजवादी बाबा साहब वाहिनी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है. आपको बता दें कि समाजवादी बाबा साहब वाहिनी, समाजवादी पार्टी में दलितों के लिए फ्रंटल ऑर्गनाइजेशन की तरह काम करेगी.
कौन हैं मिठाई लाल भारती?
मिठाई लाल भारती यूपी के हरपुर मिड्ढी, बलिया के रहने वाले हैं. मिठाई लाल अपने बीएसपी के कार्यकाल में पूर्वांचल के जोनल कोऑर्डिनेटर संग कई प्रदेशों के प्रभारी भी रहे हैं. पिछले दिनों वह अखिलेश यादव के नेतृत्व और नीतियों में आस्था जताते हुए समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
आपको बता दें कि एसपी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस साल अप्रैल महीने में जिला, प्रदेश व देश स्तर पर बाबा साहब वाहिनी के गठन का संकल्प लिया था. उन्होंने 10 अप्रैल 2021 को ट्वीट कर अपने इस संकल्प की जानकारी दी थी. तब उन्होंने डॉ. अंबेडकर की जयंती (14 अप्रैल) पर ‘दलित दिवाली’ मनाने का भी आह्वान किया था.
अखिलेश लगातार बीएसपी और मायावती के पुराने और दिग्गज सिपहसलारों को एसपी में शामिल करा रहे हैं. इसके अलावा वह दलित वोटों को अपने पाले में करने के लिए ऐसे उपाय भी अपना रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषक और CSSP फेलो डॉ. संजय कुमार इसे यूपी के चुनावी नजरिए से एक्सप्लेन करते हैं. उनका मानना है कि अखिलेश यादव का पूरा फोकस इस बात पर नजर आ रहा है कि कैसे भी करके मायावती के दलित वोट बैंक से 4-5 फीसदी वोट निकाल ले जाएं. डॉ. संजय का कहना है कि पॉपुलर परसेप्शन में मायावती पिछड़ रही हैं और ऐसे में उनका वोट बैंक दांव पर तो जरूर है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT