जयंत की तुलना में अखिलेश का पोस्टर छोटा, इन तस्वीरों का इशारा क्या, यहां जानिए

कुमार कुणाल

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में आज से एक नए अध्याय की शुरुआत होने वाली है. यूपी में 2022 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मेरठ के दबथुआ में मंगलवार, 7 दिसंबर को समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के अध्यक्ष जयंत चौधरी एक रैली को संबोधित करेंगे.

वहीं, इस रैली से ठीक पहले गौर करने वाली बात यह है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जमीनी हकीकत रैली ग्राउंड पर लगे नेताओं के कट आउट्स बयां कर रहे हैं. बता दें कि यहां समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का पोस्टर साइज में छोटा है, जबकि राष्ट्रीय लोक दल के नेताओं के बड़े-बड़े कट आउट्स लगाए गए हैं.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व आरएलडी अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह और जयंत चौधरी के कट आउट्स साइज में बड़े हैं, जबकि अखिलेश यादव का साथ ही में लगा हुआ पोस्टर साइज में छोटा दिखाई पड़ रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि इन कट आउट्स के जरिए ये संदेश देने की कोशिश की गई है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी की पकड़ एसपी से मजबूत है.

हालांकि, इस रैली के जरिए दोनों पार्टियां आपस में गठबंधन का ऐलान भी कर देंगी, लेकिन किस पार्टी को कितनी सीटें लड़ने को मिलेंगी, इस पर स्थिति साफ नहीं हो पाई है. एसपी और आरएलडी के बीच अब भी सीट के समझौते पर बातचीत चल रही है और इसका औपचारिक ऐलान आने वाले दिनों में होना की संभावना है.

ADVERTISEMENT

मेरठ में रैली मंच के आसपास लगी हुई तस्वीरें और साजो सामान कहीं ना कहीं इस इलाके में मुद्दों की तरफ भी इशारा कर रहे हैं. मंच के साथ ही गन्ने को बांधा गया है, यानी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस गन्ना बेल्ट में गन्ना किसानों से जुड़ी समस्याओं को उठाने की कोशिश की गई है. गौरतलब है कि गन्ना किसान लगातार गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे हैं और साथ ही साथ चीनी मिलों के ऊपर जो किसानों का बकाया है, उसके भुगतान की भी डिमांड कर रहे हैं.

गन्ना किसानों की समस्याओं के साथ ही महंगाई का भी एक मुद्दा रैली में उठाया जा सकता है. नेताओं की तस्वीरों के साथ साथ एलपीजी सिलेंडर के कटआउट भी स्टेज पर लगा दिए गए हैं और साथ ही संदेश देने की कोशिश की गई है कि महंगाई के मुद्दे को यह गठबंधन बड़े तौर पर लोगों के बीच ले जाएगा.

ADVERTISEMENT

आपको बता दें कि जो समर्थक इस रैली का हिस्सा बनने आ रहे हैं, उनमें से कईयों ने टोपी लगा रखी है जिस पर नारा लिखा है ‘भाईचारा जिंदाबाद’. इस इलाके की खास बात यह है कि यहां पर बाकी जातियों के साथ ही साथ मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा है और इस गठबंधन को उम्मीद है कि मुस्लिम समाज के बड़े तबके का साथ भी उसे आने वाले चुनाव में मिलेगा.

अनूपशहर से आए हुए कुछ समर्थक अपने साथ पीतल की बनी साइकिल और हैंडपंप लेकर आए हैं. इसके जरिए यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि इस गठबंधन का जादू पिछले कुछ चुनाव में बेशक ना चला हो, लेकिन आने वाले चुनाव में यह गठबंधन निर्णायक साबित हो सकता है.

विकास के नकली घोड़े पर सवार BJP सरकार, ये हिलता-डुलता है पर आगे नहीं बढ़ता: अखिलेश

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT