यूपी में कितनी सीटों पर लड़ेंगे चुनाव, अखिलेश ने कर दिया साफ फिर कांग्रेस और जयंत को क्या मिलेगा?
सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने फिलहाल सभी 80 सीटों पर तैयारी करने की बात कही है.
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समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक तरह से लगभग साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी यूपी में कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. सपा की राज्य कार्यकारिणी से सूत्रों के हवाले से जो खबरें निकल रही हैं, वो 2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से काफी बड़ी हैं. अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए 2024 के चुनाव के लिए संभावित सीटों का आंकड़ा शेयर कर दिया है.
सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने फिलहाल सभी 80 सीटों पर तैयारी करने की बात कही है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा है कि गठबंधन होने की भी सूरत में सपा 65 सीटों पर हर हाल में चुनाव लड़ेगी. यूपी में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं. यानी सपा चीफ गठबंधन पार्टनर्स के लिए सिर्फ 15 सीटें छोड़ने की बात कह रहे हैं.
पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि यह संविधान और लोकतंत्र बचाने की अंतिम लड़ाई है और समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता सबसे ज्यादा बहादुर कार्यकर्ता हैं, जो जमीन पर बहादुरी से बीजेपी का मुकाबला कर रहा है.
सपा चीफ ने कहा,
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“2024 में बीजेपी प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग करेगी जिसकी शुरुआत हो गई है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को इसका डटकर मुकाबला करना है. यह पीडीए ही है, जो कि एनडीए को हराएगा. “
INDIA अलायंस में कांग्रेस और जयंत को कितनी सीटें?
जबसे विपक्ष ने 2024 के चुनाव के लिए इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (INDIA) बनाया है तबसे यह चर्चा है कि इसके लिए यूपी सबसे कठिन जमीन होगी. एक तो यहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मजबूत स्थिति, दूसरा अलायंस के सामने सीट शेयरिंग का सवाल. अब जबकि अखिलेश यादव ने पार्टी की बैठक में सीटों का एक आंकड़ा जारी कर दिया है, तो बड़ा सवाल यह है कि इस अलायंस के दूसरे सहयोगी कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के जयंत चौधरी के लिए क्या बचता है.
साफ है कि अगर सपा 65 सीटों पर लड़ी तो इनके लिए सिर्फ 15 सीटें बचेंगी. ऐसे में यह भी चर्चा उठनी स्वभाविक है कि क्या कांग्रेस और जयंत इतनी कम सीटों पर अखिलेश के साथ गठबंधन में रहना पसंद भी करेंगे या नहीं.
पिछले दिनों मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने की स्थिति में नाराजगी जाहिर की. बाद में सपा ने एमपी में अलग से अपने उम्मीदवार उतार दिए. उस वक्त जब सपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच कड़वाहट बढ़ी तो कांग्रेस की टॉप लीडरशिप ने अखिलेश से संपर्क किया. मामला तब जाकर शांत हुआ. बहरहाल एमपी का मामला विधानसभा चुनावों के लिए था. पर विपक्ष ने INDIA अलायंस को खासकर लोकसभा चुनाव 2024 के लिए देखते हुए बनाया है. ऐसे में अगर इस अलायंस की गाड़ी यूपी में ही फंसी, तो विपक्ष को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है.
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