UP चुनाव: कहां फंस रही पूर्वांचल की सियासी लड़ाई, एक्सपर्ट ने बताया
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यूपी तक ने सी-वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख से खास बातचीत की है. इस…
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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यूपी तक ने सी-वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख से खास बातचीत की है. इस बातचीत में हमने सर्वे के हिसाब से राजनीतिक दलों की स्थिति को समझने की कोशिश की. इस दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश को लेकर भी चर्चा हुई.
यशवंत देशमुख ने कहा, ”पूर्वी उत्तर प्रदेश में मामला कांटे का होता जा रहा है, बीजेपी के लिए अब तक समस्याएं बढ़ती हुई दिखती रही हैं.”
उन्होंने छोटे दलों को लेकर कहा, ”जो छोटे-छोटे जातिगत दल हैं, उनकी जिले वार मौजूदगी है, उनका पूरे उत्तर प्रदेश में प्रभाव नहीं है. उनका नेतृत्व करने वाले नेता किसी जाति विशेष के नेता हैं, कहीं पर दो जिलों, कहीं पर 3 जिलों में उनका असर है. रोचक बात यह है कि ऐसे दलों की मौजूदगी पूर्वांचल में ज्यादा है. इसलिए पूर्वांचल फंसता हुआ दिखाई दे रहा है.”
सी-वोटर के फाउंडर ने कहा कि अंत में पूर्वांचल किधर जाएगा, इसी से पता लगेगा कि बीजेपी कितनी सहज होगी या असहज होगी. उन्होंने यह भी कहा, ”आप पाएंगे कि प्रधानमंत्री की कैंपेन का फोकस भी अंत में पूर्वांचल पर ही ज्यादा रहेगा.”
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देशमुख ने कहा, ”पूरब का खेल अभी खुला हुआ है. यहां के छोटे-छोटे दलों के नेता प्रूवन लीडरशिप नहीं हैं, जो ये कह सकें कि हम अपने बलबूते इतना वोट शिफ्ट कर सकते हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपना दल ही प्रूवन जाति आधारित पार्टी है, जो फिलहाल बीजेपी के साथ है.”
देशमुख ने बातचीत के दौरान कई रोचक पहलुओं का जिक्र किया. इस पूरी बातचीत को आप ऊपर दिए गए यूपी तक के वीडियो में देख सकते हैं.
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