आप इतने टची क्यों हैं? UP सरकार पर ये टिप्पणी कर SC ने रामचरितमानस विवाद पर स्वामी को दी राहत
रामचरितमानस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य को दी राहत. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है.
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Swami Prasad Maurya News: गुरुवार 25 जनवरी को समाजवादी पार्टी (सपा) के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली. आपको बता दें कि रामचरितमानस पर कथित विवादास्पद टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे में आपराधिक कार्रवाई को रद्द करने की मौर्य की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी. साथ ही कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है.
कोर्ट ने दी ये टिप्पणी
जस्टिस बीआर गवई और संदीप मेहता की पीठ ने यूपी सरकार की ओर से आए अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शरण देव सिंह ठाकुर से कहा, "आप इन चीजों को लेकर इतने संवेदनशील (टची) क्यों हैं? यह व्याख्या (इंटरपिटेशन) का विषय है. यह अपने-अपने विचार का मामला है. यह अपराध कैसे है? उन्हें (मौर्य) प्रतियां जलाने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है."
AAG ने दिया ये जवाब
पीठ की टिप्पणी के बाद AAG शरण देव सिंह ठाकुर ने कहा, "कॉपियां (रामचरितमानस की) जलाई गई थीं." इस पर जस्टिस मेहता ने कहा, "इसके लिए उन्हें (मौर्य) जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. यह उनके अपने विचार का मामला है."
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विस्तार से जानिए पूरा मामला
मालूम हो कि रामचरितमानस विवाद को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी यानी एफआईआर को रद्द करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. दरअसल, स्वामी प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा इसलिए खटखटाया था क्योंकि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी रामचरितमानस पर कथित विवादास्पद टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ दर्ज मामले में आपराधिक कार्रवाई रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कही ये ये बात
इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहना था कि स्वस्थ आलोचना का मतलब यह नहीं है कि ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाए जो लोगों की भावनाओं को आहत करें. बता दें कि यूपी के प्रतापगढ़ जिले में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ एफआईआर हुई थी.
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मौर्य का यह है दावा
आपको बता दें कि जब इस मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ केस दर्ज हुआ तो उनहोंने अपने आपको बेकसूर बताते हुए यूपी सरकार पर हमला बोला था. उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया था कि उनके खिलाफ कोई सुबूत नहीं है. उन्होंने दलील दी थी कि राजनीतिक कारणों से उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
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