मायावती के साथ अखिलेश का गठबंधन कैसे टूटा? कॉल न उठाने के अलावा ये दूसरा दावा भी आया सामने

यूपी तक

UP Politics : 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजे और केंद्र में NDA की सरकार बने हुए तीन महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. लेकिन उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय 2024 की नहीं बल्कि 2019 लोकसभा चुनाव के चर्चे हैं.

ADVERTISEMENT

Akhilesh Yadav and Mayawati (File Photo)
Akhilesh Yadav and Mayawati (File Photo)
social share
google news

UP Politics : 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजे और केंद्र में NDA की सरकार बने हुए तीन महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. लेकिन उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस समय 2024 की नहीं बल्कि 2019 लोकसभा चुनाव के चर्चे हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में एक साथ आए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी  की गठबंधन क्यों टूटा? इस सवाल का जवाब अब दिया जा रहा है. गठबंधन टूटने को लेकर बसपा प्रमुख मायावती और अखिलेश यादव के बीच वार-पलटवार का सिलसिला जारी है. गठबंधन टूटने को लेकर एक के बाद एक कारण बताए जा रहे हैं. 

वार-पलटवार का सिलसिला जारी

साल 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद सपा और बसपा के गठबंधन टूटने के मामले को लेकर अखिलेश यादव और  मायावती के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं.  बसपा प्रमुख मायावती ने अखिलेश के बयान का जवाब देते हुए सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि, '2019 लोकसभा चुनाव में सपा के पांच सीट जीतने के बाद गठबंधन टूटने के बारे में उन्होंने सार्वजनिक तौर पर भी यही कहा कि सपा प्रमुख ने उनके फोन का भी जवाब देना बंद कर दिया था.'

 मायावती ने यह भी कहा कि, 'बीएसपी सैद्धान्तिक कारणों से गठबंधन नहीं करती और अगर बड़े उद्देश्यों को लेकर कभी गठबंधन करती है तो फिर उसके प्रति ईमानदार भी जरूर रहती है. सपा के साथ सन 1993 व 2019 में हुए गठबंधन को निभाने का भरपूर प्रयास किया गया, किन्तु बहुजन समाज का हित व आत्म-सम्मान सर्वोपरि है.' 

यह भी पढ़ें...

अखिलेश ने कही ये बात

इस मुद्दे पर अखिलेश यादव ने कहा, "जिस समय गठबंधन टूटा, मैं आज़मगढ़ में सभा में था. सपा और बसपा के कार्यकर्ता वहां मौजूद थे. किसी को नहीं पता था कि गठबंधन टूटने जा रहा है. मैंने खुद फोन मिलाया था कि ये गठबंधन क्यों तोड़ा जा रहा है.'

वहीं हिन्दी दिवस पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि, 'दानवीरता और त्याग का कर्ण से बड़ा कोई उदाहरण नहीं. राजनीति मे हमे विचारो को,सिद्धांतो को लेकर हम कोई त्याग करना होगा तो त्याग करेंगे. कुछ परिस्थितियां ऐसी रही जिसकी वजह से गठबंधन नहीं चला. जिस समय बसपा का गठबंधन टूटने का एलान हुआ तो मेरी बाई तरफ बैठे बीएसपी के नेता ने कहा ऐसा धोखा मुझे भी मिला था आप को भी मिला है.'

उधर, बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा. उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, "2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा के गठबंधन टूटने की वजह सपा मुखिया खुद हैं.” मिश्र ने बताया कि मायावती ने कई बार सपा प्रमुख से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सकीं. सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि मायावती ने बड़े होने के नाते सपा प्रमुख को हौसला बढ़ाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने बात नहीं की. इस सबके परिणामस्वरूप बसपा को गठबंधन तोड़ना पड़ा. सपा और बसपा नेतृत्व के इन बयानों से राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है और दोनों पार्टियों के बीच की खाई और चौड़ी हो गई है. 
 

    follow whatsapp