क्या सपा के तीसरे उम्मीदवार के लिए फंस गया है राज्यसभा चुनाव? जानें अखिलेश की क्यों बढ़ी टेंशन!

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UP Political News: समाजवादी पार्टी (सपा) ने राज्यसभा चुनाव के लिए पूर्व सांसद रामजीलाल सुमन, जया बच्चन और पूर्व आईएएस अधिकारी आलोक रंजन को उम्मीदवार बनाया है. सपा की ओर से ये तीन नाम के आने के बाद गठबंधन की साथी और अपना दल (कमेरावादी) नेता पल्लवी पटेल ने अपनी नाराजगी जताई. उन्होंने ऐलान किया है कि वह सपा कैंडिडेट को राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं करेंगी. वहीं, बीते दिनों राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के मुखिया जयंत चौधरी ने भी सपा चीफ अखिलेश का साथ छोड़ भाजपा से हाथ मिलाया था. ऐसे में अब अखिलेश के तीसरे कैंडिडेट के लिए राजयसभा चुनाव फंस गया है. खबर में आगे पढ़िए राज्यसभा चुनाव को लेकर सपा के क्या समीकरण बन रहे हैं. 

आंकड़ों में समझिए पूरा खेल

 

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में किसी भी राज्यसभा उम्मीदवार को जीत के लिए 37 वोटों की जरूरत होती है. इसका मतलब  साफ है कि सपा को अपने तीनों उम्मीदवारों को जिताने के लिए 111 वोटों की जरूरत है. मगर अब यहां सपा के लिए खेल फंस गया है. दरअसल, सपा के दो विधायक जेल में हैं. बीते दिनों जयंत के पाला बदलने के बाद 9 विधायक और कम हो गए हैं. वहीं, पल्लवी पटेल ने सपा उम्मीदवार को वोट न देने का ऐलान किया है, ऐसे में एक वोट और घट गया है. एक वोट पल्लवी का कम हो जाने के बाद 105 सपा और 2 कांग्रेस मिलाकर 109 हो रहा है. अब देखना होगा कि सपा चीफ अपने तीनों उम्मीदवारों के लिए 111 वोटों का इंतजाम कैसे करते हैं.

 

 

पल्लवी पटेल ने यूपी Tak को ये बताया

पी Tak से एक्सक्लूसिव बातचीत में पल्लवी पटेल ने कहा है कि पीडीए को मतलब पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक होता है और कुछ मदांध लोग इसे बच्चन और रंजन बनाने में लगे हुए हैं. यूपी Tak से बातचीत में पल्लवी पटेल ने कहा, 'PDA का मतलब मैं पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक समझती हूं लेकिन मदांध लोग इसे बच्चन और रंजन बना रहे हैं. ये कोई फिल्मी लड़ाई नहीं चल रही है. जया बच्चन अभिनेत्री हो सकती हैं, आलोक रंजन क्लर्क हो सकते हैं लेकिन जब लड़ाई पिछड़ा, दलित, खेत-खलिहान की हो रही है तो फिर पीडीए कहां गया? ये गरीब, पिछड़ा, अल्पसंख्यक की लड़ाई है. उनकी हकमारी में मैं साथ नहीं हूं.'   

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पल्लवी पटेल ने साफ कहा है कि वह जया बच्चन और आलोक रंजन को वोट नहीं करेंगी. उन्होंने आरोप लगाया है कि अखिलेश यादव ने अपने मूल मंत्र PDA को फॉलो नहीं किया है और कोई चर्चा भी नहीं की. पल्लवी ने कहा कि अखिलेश के साथ आगे गठबंधन कैसा चलेगा यह मेरा विषय नहीं है, इसे राजमाता कृष्णा पटेल तय करेंगी. 

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