सरकार ने पहलवानों को फिर बातचीत के लिए बुलाया, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने किया ये ट्वीट

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बृजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों पर FIR की मांग वाली याचिका कोर्ट ने की स्वीकार
बृजभूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों पर FIR की मांग वाली याचिका कोर्ट ने की स्वीकार
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भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. देश के कई नामी पहलवान बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत हैं. पहलवानों के आंदोलन के चलते सियासत भी तेज हो गई है और विपक्षी पार्टियां लगातार सत्ताधारी भाजपा पर हमलावर हैं. इस बीच केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पहलवानों के मुद्दे पर सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है.

अनुराग ठाकुर ने कहा, “सरकार पहलवानों से उनके मुद्दों पर चर्चा करने को तैयार है. मैंने एक बार फिर पहलवानों को इसके लिए आमंत्रित किया है.”

इस बीच एक बड़ा सवाल फिजाओं में तैर रहा है कि क्या पहलवानों के आंदोलन से भाजपा को चुनावी नुकसान होगा या नहीं? इसी को लेकर सी-वोटर और IANS ने एक सर्वे किया है. सर्वे के अनुसार, पहलवानों के आंदोलन से भाजपा को नुकसान हो सकता है.

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सवाल: क्या आपको लगता है कि पहलवानों और बृजभूषण शरण सिंह के विवाद से बीजेपी को चुनावी नुकसान होगा? बता दें कि लगभग 47% उत्तरदाताओं का मानना ​​है कि भाजपा को इससे बहुत अधिक नुकसान होगा जबकि 17.6% को लगता है कि कुछ हद तक नुकसान होगा. इसके विपरीत 23% से कम लोग सोचते हैं कि पहलवानों के विरोध का भाजपा पर कोई चुनावी प्रभाव नहीं होगा. वहीं, करीब 54 फीसदी एनडीए समर्थकों का मानना ​​है कि बीजेपी को चुनावी नुकसान होगा. हालांकि पहलवानों द्वारा विपक्षी दलों का खुला समर्थन लेने से एनडीए समर्थक खुश नहीं हैं. 51% के करीब सोचते हैं कि पहलवानों के लिए विपक्षी दलों का समर्थन लेना गलत है. दूसरी तरफ विपक्षी दलों के लगभग 54% समर्थक इसे सही मानते हैं.

मालूम हो कि साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और संगीता फोगाट जैसे शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग पहलवान समेत सात महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया है. दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं. पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पहलवान के यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई है. वहीं, दूसरी प्राथमिकी में शीलभंग करने संबंधी आरोप लगाए हैं.

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