घोसी उपचुनाव: सुधाकर सिंह के नामांकन के समय सपा कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प, ये है मामला

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Ghosi Byelection: उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर माहौल गर्म है. तय कार्यक्रम के मुताबिक, आज यानी गुरुवार को सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह अपना नामांकन दाखिल करने पहुंचे. मगर इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं का पुलिस से विवाद हो गया. पुलिस के अनुसार, नामांकन के लिए केवल 5 लोगों की कक्ष के अंदर जाने की अनुमति थी, लेकिन 5 से ज्यादा सपा कार्यकर्ता अंदर जाना चाहते थे. वहीं, सपा कार्यकर्ताओं का दावा है कि पुलिस ने 60 वर्षीय पार्टी जिलाध्यक्ष को धक्का दिया और वह सिर्फ पांच ही लोग थे जो नामांकन कक्ष में जाना चाहते थे.

सुधाकर सिंह के बेटे ने लगाया बड़ा आरोप

सपा प्रतयाशी सुधाकर सिंह के बेटे सुजीत सिंह ने कहा, “यहां एक इंस्पेक्टर महोदय हैं उन्होंने 60 साल के हमारे जिलाध्यक्ष को धक्का देते हुए कहा कि नहीं…सरकार का आदेश नहीं है, आपको नहीं जाने देंगे. हम लोगों ने बस यही कहा कि आप पांच लोगों को तो जाने दे सकते हैं…आपने देखा तरह बदतमीजी कर रहे हैं. इनकी बदतमीजी का जवाब घोसी की जनता देगी. आने वाले चुनाव में इन्हें इतने वोटों से हराएगी कि यह शर्मसार हो जाएंगे.”

पुलिस ने यह बताया

अमरेंद्र चौबे नामक दारोगा ने कहा, “वे पांच से ज्यादा आदमी जाना चाहते थे, हमने नहीं जाने दिया. हम लोगों को सिर्फ पांच आदमी का आदेश है. वो करीब 8 आदमी अंदर जाना चाहते थे.”

घोसी उपचुनाव क्यों है भाजपा और सपा के लिए महत्वपूर्ण?

गौरतलब है कि इस उपचुनाव के परिणाम का उत्तर प्रदेश विधानसभा में पार्टियों के संख्याबल पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा लेकिन भाजपा अगले लोकसभा चुनाव से पहले गैर-यादव अन्य पिछड़े वर्गों के बीच अपनी लोकप्रियता साबित करने के लिए घोसी सीट को सपा से छीनने की हर मुमकिन कोशिश करेगी. दूसरी ओर, सपा लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को झटका देने की कोशिश करेगी और राज्य में अपने मूल मतदाताओं को एक मजबूत संदेश देने का प्रयास करेगी.

प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 255 विधायक हैं, जबकि उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के क्रमशः 13 विधायक और छह विधायक हैं. भाजपा के नए सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधानसभा में छह विधायक हैं.

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सपा के पास 108 विधायक हैं जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के पास नौ विधायक हैं. कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पास 2-2 विधायक हैं, जबकि बसपा का एक विधायक है. विधानसभा में एक सीट (घोसी) खाली है.

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