जिस रामपुर सीट पर था आजम का कब्जा, BJP ने उस सीट से दिया घनश्याम सिंह लोधी को टिकट, कौन हैं ये?
बीेजेपी ने रामपुर से घनश्याम सिंह लोधी को टिकट दिया है. बता दें कि कभी रामपुर की सीट सपा नेता आजम खान के नाम से जानी जाती थी.
ADVERTISEMENT
Rampur: उत्तर प्रदेश की हॉट सीटों में से एक रामपुर रामपुर पर कभी सपा नेता आज़म खान का जलवा हुआ करता था. साल 2019 में भी यहां से आजम खान ही लोकसभा गए थे. मगर अब रामपुर से आजम खान की सियासत बुरे वक्त से गुजर रही है. इसी बीच भाजपा ने रामपुर से घनश्याम सिंह लोधी को टिकट दिया है. बता दें कि घनश्याम सिंह लोधी ने रामपुर लोकसभा उपचुनाव में भी जीत हासिल की थी.
अब आपको घनश्याम सिंह लोधी के राजनीतिक सफर के बारे में जानकारी देते हैं
घनश्याम सिंह लोधी साल 1992 से 1998 तक भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष रहे. फिर वह साल 1999 में भाजपा छोड़कर बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए. इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन वह तीसरे स्थान पर रहे. इसके बाद साल 2004 में इन्होंने बसपा भी छोड़ दी और राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के समर्थन से एमएलसी बने.
कल्याण सिंह के रहे करीबी
बता दें कि घनश्याम सिंह लोधी कल्याण सिंह के काफी करीबी रहे. कल्याण सिंह की पार्टी को छोड़कर साल 2009 में उन्होंने फिर बसपा का दामन थामा. बसपा के टिकट पर साल 2009 में इन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा. मगर फिर वह तीसरे स्थान पर रहे.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
फिर घनश्याम सिंह लोधी ने बसपा छोड़कर सपा में शामिल हुए और आजम खान के करीबी बन गए. साल 2016 में सपा समर्थित स्थानीय प्राधिकरण रामपुर-बरेली क्षेत्र से एम.एल.सी रहे. मगर साल 2022 में घनश्याम सिंह लोधी ने सपा भी छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए.
रामपुर उपचुनाव में की जीत हासिल
बता दें कि साल 2022 में रामपुर में उपचुनाव हुए. भाजपा ने रामपुर उपचुनाव में घनश्याम सिंह लोधी को अपना उम्मीदवार बनाया. उपचुनाव में इन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को हराया और सदन पहुंचे.
ADVERTISEMENT
आपको ये भी बता दें कि घनश्याम सिंह लोधी के खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. वह जमीन से जुड़े नेता माने जाते हैं. एक बार फिर पार्टी ने उनपर भरोसा जताया है और उन्हें टिकट दिया है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT