गेंद अब अखिलेश यादव के पाले में...स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा चीफ को लेकर क्या-क्या कह दिया

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स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा चीफ को लेकर क्या-क्या कह दिया
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Swami Prasad Maurya News: समाजवादी पार्टी ऐन लोकसभा चुनाव से पहले आंतरिक संकट से गुजरती दिख रही है. पिछड़े और दलित राजनीति के प्रमुख चेहरे स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने मंगलवार को ट्वीट पर अखिलेश यादव के नाम लिखा एक ओपन लेटर शेयर कर इस्तीफा दिया है. इस बीच अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या स्वामी प्रसाद मौर्य  लोकसभा चुनाव से पहले कोई नया राजनीतिक समीकरण बिठा रहे हैं. इस बीच स्वामी प्रसाद मौर्य ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात कर अखिलेश यादव को लेकर बड़ी टिप्पणियां की हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य ने साफ कहा है कि गेंद अब अखिलेश यादव के पाले में है और फैसला उन्हें ही लेना है. 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा, "एक महासचिव का बयान पार्टी का और एक निजी हो जाता है, ये गौरतलब है. कुछ छुटभैया नेता जिनकी हैसियत एक भी वोट दिलाने की नहीं है, वो मेरी बातों पर अनापशनाप बयानबाजी करते हैं. अब गेंद राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के पाले में है, चूंकि मैंने बहुजन समाज के सम्मान स्वाभिमान की लड़ाई आज से नहीं शुरुआती दौर से लड़ी है, इस अभियान को आगे भी जारी रखूंगा."

 

 

उन्होंने आगे कहा, "आज जिस तरह से एससी एसटी ओबीसी के आरक्षण का खिलवाड़ हो रहा है, इनपर अत्याचार हो रहा है. आज समस्याएं ही समस्याएं हैं, कहीं बेरोजगारी है तो कहीं व्यापारियों का शोषण है, कहीं किसानों के साथ अत्याचार है. कहीं लोकतंत्र खतरे में है. कहीं देश बेचने की तैयारी है, कहीं संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है. इस लड़ाई को जमीन पर मजबूती से लड़ने की बजाया लोग दाएं बाएं कर रहे हैं. आज आवश्यकता है इन समस्याओं को लेकर मैदान में कूदने की."

क्या पार्टी छोड़ेंगे स्वामी प्रसाद मौर्य? 

स्वामी प्रसाद मौर्य 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री का पद छोड़ सपा में शामिल हुए थे. भाजपा में भी वो बसपा से आए थे. तो क्या अब सपा के साथ चल रही उनकी सियासी यात्रा समाप्त होने वाली है? इस सवाल के जवाब में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अभी पद छोड़ा है, अब गेद उनके (अखिलेश यादव) पाले में है. 

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इटावा वाले मंदिर में पूजा अर्चना से नाराज हैं?

अक्सर स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस और हिंदू धर्म की पूजा पद्धतियों पर सवाल उठाते रहे हैं. सपा चीफ अखिलेश यादव इस बीच इटावा में जोरशोर से केदारेश्वर मंदिर का निर्माण करवा रहे हैं. पिछले दिनों शालिग्राम की शिला आई थी, तो सपा की टॉप लीडरशिप ने पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया. सवाल हुआ कि क्या स्वामी इस मंदिर में पूजा-अर्चना के कार्यक्रम से नाराज हैं? इसपर उन्होंने कहा, 'ये व्यक्तिगत श्रद्धा से जुड़ा है, मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं. इस इस्तीफे से कल की पूजा का कोई संबध नहीं है. कौन किसमें श्रद्धा रखता है, किस तरह से पूजा करता है, हिंदू धर्म का हो, इस्लाम हो, इसाई हो, बौद्ध हो, पारसी हो, सभी धर्मों को अपने तरह से मानने की छूट है यहीं संविधान कहता है और यही मेरा मानना है.' 

 

 

सपा के सचेतक ने विक्षिप्त कहा? 

पिछले दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य के धर्म, मंदिर और पूजा को लेकर की गई टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा विधायक और विधानसभा सचेतक मनोज पांडे ने उन्हें विक्षिप्त तक कह दिया. इसके जवाब में स्वामी ने कहा कि, 'सपा के कार्यकर्ता मेरे साथ खड़े हैं, सपा के पुराने साथी हमारे साथ खड़े हैं. गिने-चुने कुछ लोग जब भी मैं कुछ बोलता हूं तो कोई टिप्पणी करते हैं. इसके बाबत मैंने विस्तार से राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को अवगत कराया. और कहा कि फिर मुझे छूट दीजिए कोई नया रास्ता तय करने का.'

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