सांसदी गई, 2024 का चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे राहुल? एक्सपर्ट से समझिए उनका ‘आखिरी रास्ता’

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Uttar Pradesh News: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को गुरुवार को बड़ा झटका लगा. केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी गई है. लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी कर इस बात की जानकारी दी. दरअसल, पीएम मोदी के सरनेम मोदी पर दिए आपत्तिजनक बयान के बाद सूरत की कोर्ट ने गुरुवार को राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी.

वहीं संसद सदस्यता समाप्त होने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि राहुल गांधी का अगल कदम क्या होगा. वो कौन से रास्ते हैं जिससे राहुल गांधी इस मामले से बाहर आ सकते हैं. वहीं 2024 में क्या वो अमेठी या वायनाड से चुनाव लड़ पाएंगे? राहुल गांधी के पास अब क्या कानूनी रास्ते हैं, इन सारे सवालों का जवाब लेने यूपी तक पहुंची वरिष्ठ अधिवक्ता और संविधान विशेषज्ञ सिद्धार्थ लूथरा के पास.

राहुल गांधी के पास आगे क्या है रस्ता?

वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने यूपी तक को बताया कि अगर राहुल गांधी 2024 का चुनाव लड़ना है तो उन्हें जल्द ही अदालत में अपील दाखिल करनी होगी और अपील दाखिल करने के बाद उन्हें सजा पर स्टे लेना होगा. उन्होंने आगे बताया कि, ‘लीली थॉमस के जजमेंट के आधार पर अगर आपको स्टे ऑफ कन्विक्शन मिल सकता है. वहीं स्टे ऑफ कन्विक्शन मिलने के बाद जो सजा दी गई है, उसपर रोक लग सकती है.’

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सिद्धार्थ लूथरा ने बताया कि अगर राहुल की याचिका पर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट सजा पर रोक भी लगा देती है, तब भी उनकी सदस्यता बहाल नहीं होगी. दरअसल, इसके लिए राहुल गांधी के दोषी पाए जाने पर भी रोक जरूरी है. उन्होंने बताया कि कोर्ट से स्टे ऑफ कन्विक्शन मिलने के बाद राहुल गांधी 2024 का चुनाव लड़ सकते हैं

वहीं अगर राहुल गांधी को कोर्ट से भी राहत नहीं मिलती है तो वह 8 साल के लिए चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के बाद वायनाड की सीट की सीट रिक्त हो गई है यानी वहां उपचुनाव होंगे लेकिन वे नियमों के तहत अगले साल होने वाला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

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क्या कहा था राहुल गांधी ने

बता दें कि राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों के सरनेम मोदी क्यों होते हैं. राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था, जिसपर सूरत कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस नेता को दो साल की सजा सुनाई थी.

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