‘सिर्फ बड़े भाई मुख्तार की सुनते हैं राजभर’, SBSP में फूट, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का इस्तीफा

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ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के खिलाफ भारतीय सुहेलदेव पार्टी में बगावत के सुर फूट पड़े हैं. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सहित अन्य तमाम पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दिया है. ओमप्रकाश राजभर के द्वारा पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के कहने के अनुसार चलने का आरोप लगाकर सोमवार को इन नेताओं ने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है.

ओमप्रकाश राजभर के करीबी, रिश्तेदार, साथ ही 2017 के विधानसभा चुनाव में मऊ सदर विधानसभा सीट से SBSP के पूर्व प्रत्याशी महेंद्र राजभर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी छोड़ने का ऐलान किया. प्रेस वार्ता के दौरान बागी नेताओं ने ओमप्रकाश राजभर मुर्दाबाद और महेंद्र राजभर जिंदाबाद के नारे भी लगाए.

आपको बता दें कि ओम प्रकाश राजभर ने पिछले दिनों अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav news) का साथ छोड़ दिया था. वह समाजवादी पार्टी गठबंधन (Samajwadi Party) से अलग हो गए थे. बाद में उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा भी मिली थी. इस बीच पार्टी में सामने आई फूट राजभर समाज पर उनके एकक्षत्र दावों पर सवालिया निशान खड़ा कर रही है. साथ ही, यह भी संकेत दे रही है कि पूर्वांचल में वैकल्पिक राजनीति की कोशिश में जुटे राजभर की राहें आसान नहीं हैं.

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बागी नेता महेंद्र राजभर ने इस दौरान कहा कि,

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‘आज हम सभी लोग सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के पद से इस्तीफा दे रहे हैं. ओमप्रकाश राजभर अपनी लड़ाई से भटक चुके हैं. आज कार्यकर्ता बहुत ग्लानि महसूस कर रहा है और कार्यकर्ताओं की काफी उपेक्षा हुई है. इसलिए हम सभी सामूहिक इस्तीफा दे रहे हैं. उनकी लड़ाई आज परिवार पर ही आकर खड़ी हो गई है. जब भी कोई कार्यक्रम करना होता है तो कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर वह कार्यक्रम को सफल बनाने की तैयारी करते हैं और जब कार्यकर्ता के सम्मान की बात आती है, चुनाव लड़ने की बात आती है तो ना ही उन्हें पूछा जाता है और ना ही उनसे राय ली जाती है. बस दो से तीन लोग निर्णय लेते हैं.’

महेंद्र राजभर

मुख्तार अंसारी को लेकर पार्टी में पड़ी फूट!

महेंद्र राजभर ने ओम प्रकाश राजभर के ‘बड़े भाई’ का जिक्र कर उनकी भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं. ये बड़ा भाई कौन है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वह अपने बड़े भाई मुख्तार अंसारी से भी राय लेकर पार्टी चलाते हैं. इसलिए हम सभी कार्यकर्ताओं की हमेशा उपेक्षा होती रही है.

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