गोरखपुर: सीएम योगी बोले- ‘खेलों के विकास के लिए हमारी सरकार ने खजाना खोल रखा है’

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उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (Yogi Adityanath) ने गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) में चल रही दो दिवसीय कुश्‍ती प्रतियोगिता के समापन में विजयी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र, गदा और नकद पुरस्‍कार देकर सम्मानित किया. प्रतियोगिता में भगत यादव गोरखपुर केसरी, अनिल यादव गोरखपुर कुमार और जनार्दन यादव के सिर गोरखपुर वीर अभिमन्‍यु का ताज सजा.

इस अवसर पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने खिलाड़ियों का उत्‍साहवर्धन करते हुए कहा, “गांव-गांव तक खेल गतिविधियों का आगे बढ़ाकर युवाओं को राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय फलक पर अवसर उपलब्‍ध कराना है. केन्‍द्र सरकार की खेलो इंडिया, जीतो इंडिया का उद्देश्‍य भी यही है. राज्‍य सरकार भी हर खेल गतिविधियों में खिलाडि़यों की सुविधा के लिए कार्य कर रही है.”

गोरखनाथ मंदिर और गोरखपुर जिला कुश्‍ती संघ की ओर से आयोजित दो दिवसीय कुश्‍ती प्रतियोगिता का मंगलवार को नाग पंचमी के दिन समापन हुआ. इस प्रतियोगिता में कुल 90 मैच हुए. गोरखपुर केसरी का खिताब जीतने वाले भगत यादव को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने गदा, प्रशस्ति पत्र और 21 हजार रुपए नकद पुरस्‍कार देकर सम्‍मानित किया.

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गोरखपुर कुमार का खिताब प्राप्‍त करने वाले अनिल यादव को गदा, प्रशस्ति पत्र, 11 हजार रुपए और गोरखपुर वीर अभिमन्‍यु खिताब जीतने वाले जनार्दन यादव को गदा, प्रशस्ति पत्र और 5100 रुपए का नकद पुरस्‍कार मिला.

इस अवसर पर विजयी प्रतिभागी भगत, अनिल और जनार्दन ने कहा कि उनका लक्ष्‍य देश के लिए खेलकर ओलंपिक में पदक हासिल करना है. वे इसके लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि सीएम योगी आदित्‍यनाथ के हाथों पुरस्‍कार पाकर गर्व की अनुभूति हो रही है.

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, “खेलों के विकास और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए प्रदेश सरकार ने खजाना खोल रखा है. ओलंपिक, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ आदि प्रतियोगिताओं में पदक विजेता प्रदेश के खिलाड़ियों को राजपत्रित अधिकारी के रूप में नियुक्ति की स्वीकृति दी जा चुकी है, तो साथ ही इन प्रतिस्पर्धाओं के पदक विजेताओं पर लाखों, करोड़ों रुपए की धनवर्षा भी की जा रही है.”

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उन्होंने आगे कहा,

” 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में खेलो इंडिया अभियान से गांव-गांव खेल और खिलाड़ियों को जो प्रोत्साहन मिला है, उसका परिणाम है कि आज हमारे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. खेल के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं. इसके तहत हर गांव में खेल के मैदान व ओपन जिम विकसित किए जा रहे हैं. जिला स्तर पर स्टेडियम और मिनी स्टेडियम बने हैं.”

सीएम योगी आदित्यनाथ

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सीएम योगी ने कहा, “वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 77 स्टेडियम, 68 बहुउद्देश्यीय स्पोर्ट्स हाल, 39 तरणताल, 2 इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, 14 सिंथेटिक हॉकी मैदान, 36 जिम, 3 सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, 19 डोरमेट्री, 16 बास्केटबॉल स्टेडियम, 11 कुश्ती हाल, 11 वेटलिफ्टिंग हाल बनाए जा चुके हैं. तीन स्पोर्ट्स कॉलेज और 44 क्रीड़ा छात्रवासों के जरिये 16 प्रकार के खेलों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. राष्ट्रीय चैंपियनशिप के लिए खिलाड़ियों का भत्ता 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है.”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1994 से स्पोर्ट्स हॉस्टल के खिलाड़ियों के व्यय राशि को रिवाइज नहीं किया गया था. खिलाड़ियों की डाइट मनी 250 रुपये से बढ़ाकर 375 रुपये प्रतिदिन कर दी गई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार हों, इसके लिए 1.50 लाख रुपये के मानदेय पर 50 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को बतौर प्रशिक्षक रखने की स्वीकृति दी गई है.

उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के लिए अनुदान राशि में बढ़ोत्तरी करने के साथ ही एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना की गई है. खेल को बढ़ावा देने के लिए खेल विकास और प्रोत्साहन नियमावली 2020 को प्राख्यापित करते हुए इस वित्तीय वर्ष में 8.55 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.

सीएम ने कहा कि जिला स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए 5 लाख और मंडल स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए राज्य सरकार 15 लाख रुपये का अनुदान दे रही है. मेरठ में प्रदेश के पहले स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय का निर्माण तीव्र गति से हो रहा है. उन्होंने कहा कि एक जिला एक खेल योजना के तहत खेलो इंडिया सेंटर की स्थापना की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है. इसी क्रम में दिव्यांग खिलाड़ियों को भी हर प्रकार की सुविधा और सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,

“अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार, खेल रत्न और खेल के क्षेत्र में पदम् पुरस्कार करने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार ने प्रतिमाह 20 हजार रुपये वित्तीय सहायता की व्यवस्था की है. इसके साथ ही संकट में आए अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को प्रतिमाह 10 हजार रुपये, राष्ट्रीय खिलाड़ियों को 6 हजार तथा राज्य स्तरीय खिलाड़ियों को प्रतिमाह 4 हजार रुपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत की गई है.”

सीएम योगी आदित्यनाथ

सीएम योगी ने कहा कि कुश्ती प्राचीन काल से है, भारतीय शौर्य और पराक्रम के प्रदर्शन का माध्यम रही है. रामायण काल में बजरंगबली से लेकर महाभारत काल मे भीम तक के पराक्रम को हम सभी जानते हैं. आधुनिक काल में भी हमारे पहलवानों ने वैश्विक मंच पर देश को नई पहचान दी है. वर्तमान में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में भी कुश्ती में बेहतर सफलता मिलती दिख रही है.

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