वाराणसी: श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में अब अगली सुनवाई 30 मई को

रोशन जायसवाल

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वाराणसी के श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले को लेकर जिला जज ने सुनवाई की अगली तारीख 30 मई तय की है. गुरुवार को वाराणसी जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने नागरिक प्रक्रिया संहिता सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत सुनवाई की. प्रतिवादी मस्जिद पक्ष की तरफ से 30 मई को भी सुनवाई जारी रहेगी.

मालूम हो कि सर्वोच्च न्यायालय ने मंदिर पक्ष के मुकदमे की योग्यता पर सवाल उठाने वाली मस्जिद पक्ष की दाखिल याचिका पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करने का जिला जज को निर्देश दिया है.

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने पिछली 20 मई को ज्ञानवापी मामले को वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत से जिला जज के न्यायालय में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था.

न्यायालय का कहना था कि चूंकि यह मामला अत्यंत संवेदनशील है इसीलिए कोई तजुर्बेकार न्यायिक अधिकारी इस मामले को सुने. न्यायालय ने निर्देश दिए थे कि जिला जज आठ हफ्ते में अपनी सुनवाई पूरी करें.

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दिल्ली निवासी राखी सिंह और अन्य की याचिका पर वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने पिछली 26 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराए जाने का निर्देश दिया था. सर्वे का यह काम पिछली 16 मई को मुकम्मल हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की गई थी.

हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने के अंदर शिवलिंग मिलने का दावा किया था, जिसे मुस्लिम पक्ष ने नकारते हुए कहा था कि वह शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है.

इसी बीच उच्चतम न्यायालय में मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका की सुनवाई की गई. मुस्लिम पक्ष की दलील थी कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कराया जाना उपासना स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन है.

हालांकि, हिंदू पक्ष का दावा है कि सर्वेक्षण के दौरान परिसर के अंदर हिंदू धार्मिक चिह्न तथा अन्य चीजें मिली हैं.

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