ज्ञानवापी में व्यासजी के तहखाने में आधी रात को जब पूजा हुई तो मूर्तियां कहां से लाई गईं?
वाराणसी जिला अदालत द्वारा हिंदुओं को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार दिए जाने के बाद यहां पूजा फिर से शुरू कर दी गई है.
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Gyanvapi News: वाराणसी जिला अदालत द्वारा हिंदुओं को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार दिए जाने के बाद यहां पूजा फिर से शुरू कर दी गई है. बता दें कि काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के कर्मचारियों ने सबसे पहले तहखाने के अंदर सफाई और शुद्धिकरण किया. फिर आचार्य गणेश्वर द्रविड़ ने कलश स्थापित किया, जिसके बाद मंत्रोच्चार कर गौरी-गणेश की आरती की गई और सभी देवताओं का स्मरण कर पूजन किया गया. पूजा पाठ का कार्यक्रम लगभग 40 मिनट चला.
पूजा के लिए कहां से लाई गईं मूर्तियां?
वाराणसी जिलास प्रशासन के नुसार, कोर्ट ने आदेश में कहा था कि सिर्फ उन्हीं मूर्तियों की पूजा होनी थी, जो इस तहखाने से मिली थीं. आपको बता दें कि इस तहखाने में से बरामद हुई कुल 8 मूर्तियों की पूजा की गई. यह पहले से ही सरकार के ट्रेजरी में थीं. इनमें शिवलिंग के दो अरघे, एक भगवान विष्णु की मूर्ति, दो भगवान हनुमान की मूर्ति, एक भगवान गणेश की, एक राम लिखा हुआ छोटा सा पत्थर और एक गंगा जी का मकर शामिल है.
जब पूजा हुई तब वहां कौन-कौन मौजूद था?
पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए व्यास परिवार के सदस्य जितेंद्र नाथ व्यास ने को 'पीटीआई-भाषा' को बताया था कि अयोध्या स्थित नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ की अगुआई में बुधवार देर रात काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी ने व्यास जी के तहखाने में पूजा कराई. इस दौरान जिलाधिकारी एस राजलिंगम, मण्डलायुक्त कौशल राज शर्मा और पुलिस आयुक्त अशोक मुथा जैन तथा मंदिर के कई ट्रस्टी मौजूद थे.
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