एटा के हाकिम सिंह ने जीते जी ही करवा दी थी अपनी तेरहवीं, 2 दिन बाद ही हो गई इनकी मौत!

देवेश सिंह

एटा में 15 जनवरी को जीते जी अपनी तेरहवींकराने वाले 55 साल के हाकिम सिंह नामक शख्स की मौत हो गई है. गांव वाले इस बात से हैरान हैं कि दो दिन पहले हंसते हुए अपनी तेरहवीं कराने वाले व्यक्ति की अचानक कैसे मौत हो गई.

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Etha News: एटा में 15 जनवरी को जीते जी अपनी तेरहवीं कराने वाले 55 साल के हाकिम सिंह नामक शख्स की मौत हो गई है. गांव वाले इस बात से हैरान हैं कि दो दिन पहले हंसते हुए अपनी तेरहवीं कराने वाले व्यक्ति की अचानक कैसे मौत हो गई. लोगों के बीच इस बात की चर्चा है कि शायद हाकिम सिंह को अपनी मौत का पूर्व आभास हो गया था. हाकिम सिंह ने बताया था कि उन्हें अपने घर वालों पर भरोसा नहीं था, इसलिए उन्होंने अपने जिंदा रहते हुए 13 ब्राह्मण के साथ 800 ग्रामीणों को मृत्यु भोज कराया था.

क्या है मामला

आपको बता दें कि एटा में अपने जीते जी हाकिम सिंह ने अपनी तेरहवीं का आयोजन कराया था. हाकिम ने बताया था कि उन्हें अपने घर वालों पर भरोसा नहीं था, इसलिए उन्होंने अपनी तेरहवींका आयोजन किया. हाकिम के अनुसार, उनके भाई-भतीजे उनके साथ मारपीट करते थे और इससे आहात होकर उन्होंने यह कदम उठाया था.

पत्नी ने हाकिम का छोड़ दिया था साथ

हकीम ने बिहार की महिला के साथ शादी की थी. मगर कुछ समय साथ रहने के बाद पत्नी ने हाकिम का साथ छोड़ दिया था और वह अपनी घर चली गई थी. खबर के अनुसार, हकीम की कोई संतान न होने पर परिजनों ने उनके मकान और खेत पर कब्जा कर लिया था, जिससे वह दुखी थे. आरोप है कि हाकिम के भाई-भतीजे उनके मकान और 5 बीघा खेत के लिए अक्सर उनके साथ मारपीट करते थे. उन्होंने कुछ दिनों पहले मारपीट कर हाकिम का हाथ भी तोड़ दिया था.

फिर हाकिम ने करवाया था अपना मृत्यु भोज

हाकिम ने अपनों की बेरुखी के चलते अपने जीते जी 800 ग्रामीणों को मृत्यु भोज का न्योता देकर दावत का इंतजाम किया था. हाकिम के इस काम की तब पूरे क्षेत्र में चर्चा हुई थी. मगर अब उनकी मौत के बाद एक सवाल खड़ा हो गया कि आखिर अचानक उन्होंने इस दुनिया को कैसे अलविदा कह दिया?

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