ऐतिहासिक है रामपुर की रजा लायब्रेरी, इसे लेकर PM मोदी ने MLA सक्सेना को दिया ये आश्वासन

आमिर खान

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Rampur News: विदेश यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगोलिया के राष्ट्रपति को 1247 से 1318 ईसवी के बीच रचित पुस्तक जामियातु तवारीख भेंट की थी, जिसमे मंगोलों के दुनिया भर पर राज करने के सपने और उनके उतार-चढ़ाव का इतिहास अंकित है. यह पुस्तक 1774 में नवाब रामपुर द्वारा स्थापित की गई रामपुर रजा लायब्रेरी के खजाने का एक छोटा नमूना मात्र है, जिसमें लाखों बेशकीमती पांडुलिपियां, प्राचीन पुस्तकें संजोकर रखी गई हैं.

मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र रामपुर नगर में हुए उपचुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी के चुने गए विधायक आकाश सक्सेना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलने के लिए बुलाया था. तब भी उनके मन में रजा लाइब्रेरी के प्रति आकर्षण नजर आया और उन्होंने रामपुर के नगर विधायक आकाश सक्सेना को आश्वासन दिया था कि जल्द ही वह रजा लाइब्रेरी को लेकर कुछ बड़ा करने वाले हैं.

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विश्व की अमूल्य धरोहर रजा लाइब्रेरी के सहारे रामपुर को विश्व पटल पर चमकाने के लिए कवायद तेज हो गई है. भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा अपनी टीम के साथ रामपुर आईं और उन्होंने रजा लाइब्रेरी, बापू मॉल और गांधी समाधि सहित शहर के तमाम इलाकों का जायजा लिया. इसके बाद उन्होंने रजा लाइब्रेरी के सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाने पर चर्चा की.

संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा रामपुर में ऐतिहासिक पुस्तकों और पांडुलिपियों के अनमोल खजाने को संरक्षित करने और संवारने के लिए योजना बना रही हैं, जिससे रामपुर के युवाओं में रजा लाइब्रेरी जाने की इच्छा प्रबल हो और रामपुर के बाहर से भी शोधकर्ता यहां आ सकें. इसके साथ ही यूरोप और खाड़ी देशों के शोधकर्ताओं के लिए रजा लाइब्रेरी को विश्व स्तरीय शोध केंद्र बनाया जाए, जिससे ज्ञान के साथ ही रामपुर में रोजगार और रजा लाइब्रेरी की आय में भी इजाफा हो. रामपुर रजा लाइब्रेरी के सहारे रामपुर विश्व पटल पर अपना स्थान बना सकेगा और विदेशी पर्यटकों का आकर्षण बन सकेगा.

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रजा लायब्रेरी के डायरेक्टर का चार्ज संभाल रहे जिलाधिकारी रामपुर रविंद्र कुमार मानदंड और विकास कार्यों की रूप रेखा तैयार करने वाले मंडलायुक्त मुरादाबाद आंजनेय कुमार सिंह भी रामपुर में मौजूद रहे.

वहीं, संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव मुग्धा सिन्हा ने मीडिया से बात करते हुए कहा ‘यह हमारा मिनिस्ट्री ऑफ कल्चर की लाइब्रेरी है. बहुत ही आईकॉनिक लाइब्रेरी है. यहां 17000 रियर  मेनिस्किपस हैं, जिन्हें मैंने आज यहां देखा. यहां पर किताबों का भी कलेक्शन है. इस रजा लाइब्रेरी को पहचान मिलना चाहिए, जो भी मिनिस्ट्री की स्कीम है उसके तहत हम कोशिश करेंगे.’

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उन्होंने आगे कहा, “यह लाइब्रेरी 2024 में ढाई सौ साल सेलिब्रेट करने वाली है. इसलिए इस रजा लाइब्रेरी के अंदर जो-जो भी ऐतिहासिक धरोहर हैं, जनता को उसको देखने का मौका मिलना चाहिए. इस हिसाब से हम यहां विजिट करने आए हैं. एमएलए साहब ने बहुत सारे सुझाव हमें दिल्ली में दिए थे. एमएलए साहब की विजिट के बाद हमारा रामपुर का कार्यक्रम बना है.”

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