प्रयागराज: क्या 37 अन्य आरोपियों का भी घर गिराया जाएगा? जानिए पुलिस ने सौंपी कैसी लिस्ट

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उत्तर प्रदेश में प्रयागराज जिला प्रशासन और पुलिस ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद शहर के अटाला और करेली क्षेत्र में पुलिस पर पथराव की घटना के आरोपी मोहम्मद जावेद उर्फ जावेद पंप का बंगला रविवार को ध्वस्त कर दिया था. आपको बता दें कि पुलिसिया कार्रवाई यहीं नहीं रुकी है. मिली जानकारी के अनुसार, प्रयागराज पुलिस ने हिंसा के अन्य 37 आरोपियों की लिस्ट पीडीए को सौंप दी है. लिस्ट मिलने के बाद पीडीए ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है.

मिली जानकारी के मुताबिक, पीडीए ने 37 आरोपियों की संपत्ति का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है. पीडीए अब 37 आरोपियों के घरों और दुकानों सहित अन्य संपत्तियों का सर्वेक्षण कर रहा है. बता दें कि पीडीए को अगर किसी भी आरोपी का भवन न बिना स्वीकृति के बना मिला, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

आपको बता दें कि यूपी तक ने यह जानने की कोशिश की है कि हिंसा वाले इलाकों में अब कैसा माहौल है. यूपी तक ने अपनी पड़ताल में पाया कि प्रयागराज हिंसा के 4 दिन बाद भी इलाकों में सन्नाटा है. दुकानों और कई घरों पर ताले लटके हैं. वहीं, गलियों में चर्चा कर रहे निवासियों ने बताया कि व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया है, न लोग डर की वजह से दुकानें खोल पा रहा हैं और न खरीदार आ रहे हैं.

इसके अलावा, लोगों ने कहा कि पुलिस और प्रशासन को माइक से अनाउंसमेंट कर दुकानें खोलने के लिए कहना चाहिए, तभी सब दुकान खुलेंगी. कुछ का यह भी कहना है की उनके बच्चों को पुलिस बिना बताए ले गई है, जबकि वे हिंसा में शामिल नहीं थे.

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हिंसा के आरोपी मोहम्मद जावेद उर्फ पंप को लेकर स्थानीय लोगों ने कहा कि वे उसे नहीं जानते हैं. पर साथ ही लोगों का यह भी कहना है कि ‘बुल्डोजर ही समाधान नहीं है, न्यायालय भी कोई चीज है.’ दुकानों पर बुल्डोजर चलने की खबर से सब डरे हुए हैं.

आपको बता दें कि प्रयागराज जिला प्रशासन और पुलिस ने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद शहर के अटाला और करेली क्षेत्र में पुलिस पर पथराव की घटना के आरोपी जावेद का करेली में 2 मंजिला बंगला रविवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया था.

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पीडीए के एक अधिकारी ने बताया कि जावेद का मकान पीडीए से नक्शा पास कराए बगैर बनाया गया था जिसके लिए उसे 10 मई, 2022 को नोटिस जारी किया गया था और उसे अपना पक्ष रखने के लिए 24 मई, 2022 की तिथि आबंटित की गई थी. उन्होंने बताया कि निर्धारित तिथि पर जावेद या फिर उनका वकील नहीं आया और ना ही कोई अभिलेख प्रस्तुत किया गया, इसलिए 25 मई को ध्वस्तीकरण आदेश पारित किया गया.

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