प्रयागराज: सगे भाई-बहन PCS परीक्षा पास कर बने डिप्टी कलेक्टर, सेल्फ स्टडी से पाई सफलता

पंकज श्रीवास्तव

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जिस घर में कोई पीसीएस (UPPSC 2021) परीक्षा पास कर ले तो परिवार और रिश्तेदारों की खुशी का ठिकाना नहीं रहता है. पर प्रयागराज जिले के मेजा के तेंदुआ कला गांव के एक घर में एक नहीं बल्कि दो परीक्षार्थियों ने पीसीएस पास कर ली. दोनों का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है. दोनों आपस में सगे भाई-बहन हैं. भाई ने तीसरे अटेंप्ट में जबकि बहन ने पहली ही कोशिश में ये सफलता हासिल की है.

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस 2021 फाइनल रिजल्ट बुधवार देर शाम घोषित कर दिया है. यूपी पीसीएस में 678 पदों के सापेक्ष 627 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं.

इस परीक्षा में भाई विवेक कुमार सिंह तीसरे प्रयास में डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित हुए हैं, जबकि बहन संध्या सिंह पहले ही प्रयास में सफल हुई हैं. खास बात यह है कि ग्रामीण इलाके से ताल्लुक रखने वाले संध्या और विवेक ने बगैर किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी के जरिए यह मुकाम हासिल किया है. विवेक और संध्या की माता-पिता गांव में रहते हैं और एक प्राइवेट स्कूल चलाते हैं.

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पिता ने कहा- मेरा सपना पूरा हो गया

पिता कृष्ण कुमार सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को डिप्टी कलेक्टर बनाने का जो सपना देखा था वह आज पूरा हुआ है. जबकि मां प्रतिमा सिंह कहती हैं कि उनकी तीन बेटियां हैं और एक बेटा है. उन्होंने बेटी और बेटे में कभी कोई फर्क नहीं किया और लगातार पढ़ाई के लिए मोटिवेट करती रहती थी. जिसके चलते आज के बच्चों ने जिले और क्षेत्र का नाम रोशन किया है.

वहीं यूपीपीसीएस में 12 वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर बनी संध्या सिंह का कहना है कि अपने क्षेत्र की लड़कियों के लिए एक उदाहरण पेश करना चाहती हैं कि बच्चियां पढ़ाई करें और उनकी तरह बनें.

उन्होंने कहा है कि डिप्टी कलेक्टर बनने के बाद भी उनका लक्ष्य होगा कि सरकारी योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन हो और खास तौर पर बालिकाओं की शिक्षा के लिए आगे काम करेंगी. वहीं यूपी पीसीएस में 8वीं रैंक पर चयनित भाई विवेक कुमार सिंह का कहना है कि डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित होने के बाद वे सरकार की योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वित करेंगे और गरीबों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे यह सुनिश्चित कराएंगे.

पीसीएस में चयनित विवेक और उनकी बहन संध्या ने नैनी के माधव ज्ञान केंद्र स्कूल से इंटर की परीक्षा पास की थी. उसके बाद ही उन्होंने डिप्टी कलेक्टर बनने का लक्ष्य बना लिया था. कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने यह कामयाबी हासिल की है.

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भाई-बहन का कहना है कि तैयारी के समय दोनों एक दूसरे की पढ़ाई में मदद करते थे और मोटिवेट करते थे. उनका कहना है कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि वे यूपी पीसीएस की परीक्षा में जरुर सफल होंगे. उनका कहना है कि जो लोग भी तैयारी करते हैं अगर वह एकाग्र होकर तैयारी करें तो निश्चित तौर पर उन्हें सफलता मिलेगी.

डिप्टी कलेक्टर बने भाई और बहन दोनों अपने इस उपलब्धि से जहां बेहद खुश नजर आ रहे हैं, वहीं पूरे गांव में जश्न का माहौल है. देर रात तक बधाई देने वालों का उनके घर पर तांता लगा हुआ है. लोग डीजे की धुन पर गांव में नाच रहे हैं. इस गांव में पहली बार कोई अधिकारी बना है. ऐसे में दिवाली के त्यौहार के पहले भाई और बहन दोनों के एक साथ डिप्टी कलेक्टर बनने पर गांव में दीपावली मनाई जा रही है.

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