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लखीमपुर खीरी हिंसा: गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष को मिली अंतरिम जमानत

यूपी तक

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सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी में किसानों पर हुई हिंसा के मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 8 सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है. हालांकि इसके साथ कुछ शर्तें भी लगाई गई हैं. आशीष मिश्रा यूपी में प्रवेश नहीं करेंगे. इसमें छूट तभी होगी जब उन्हें ट्रायल कोर्ट में पेश होना होगा. इसी के साथ इसी घटना के एक दूसरे केस में कोर्ट ने 4 किसानों को भी अंतरिम जमानत दे दी है. इन पर भी पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप है.

आशीष मिश्रा को कोर्ट को अपने अस्थाई पते और संबंधित पुलिस थाने की जानकारी देनी होगी. इस मामले में दूसरे सभी आरोपियों को भी अंतरिम जमानत दे दी गई है. ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया गया है कि हर सुनवाई के बाद इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को भेजी जाए. सुप्रीम कोर्ट इस मामले को मॉनिटर करेगा और अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी. अंतरिम जमानत के दौरान आशीष मिश्रा यूपी संग दिल्ली में भी नहीं रह पाएंगे.

आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि किसी आरोपी को अनिश्चित काल के लिए जेल में नहीं रखा जा सकता. हालांकि पिछली सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध किया था. तब उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ से कहा कि अपराध गंभीर है.उन्होंने कहा, “यह एक गंभीर व घिनौना अपराध है और इससे समाज में गलत संदेश जाएगा.”

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गौरतलब है कि तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में उस समय हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे, जब किसान क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे. उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा भी सवार था. घटना से आक्रोशित किसानों ने एसयूवी के चालक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट पीटकर जान ले ली थी. हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया था.

आरोपी किसानों को भी मिली जमानत

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आपको बता दें कि लखीमपुर हिंसा से जुड़े दूसरे केस में जेल में बंद चार किसानों को भी सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. बता दें कि इन किसानों पर कुचलने की घटना के बाद पीट-पीटकर हत्या का आरोप है. कोर्ट ने खुद संज्ञान लेकर इन्हें भी 8 हफ्ते की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

लखीमपुर खीरी हिंसा: कोर्ट ने कहा- किसी आरोपी को अनिश्चित काल तक जेल में नहीं रखा जा सकता

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