बागपत के जितेंद्र की दिल्ली के अस्पताल में हुई मौत फिर चंद्रशेखर आजाद ने इसे लेकर मोर्चा खोल दिया!
नए संसद भवन के सामने 25 दिसंबर को आत्मदाह की कोशिश करने वाले उत्तर प्रदेश के बागपत के रहने वाले 26 वर्षीय जितेंद्र की दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. भीम आर्मी प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इस घटना को लेकर प्रदेश की योगी सरकार और प्रशासन पर तीखा हमला बोला है.
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नए संसद भवन के सामने 25 दिसंबर को आत्मदाह की कोशिश करने वाले उत्तर प्रदेश के बागपत के रहने वाले 26 वर्षीय जितेंद्र की दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. जितेंद्र 95 प्रतिशत जल चुके थे और 'बर्न वार्ड' में भर्ती थे. पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, जितेंद्र ने यह कदम अपने परिवार और गांव के एक अन्य परिवार के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद के कारण उठाया. पुलिस ने बताया कि जितेंद्र के परिवार पर मारपीट के दो मामले दर्ज हैं, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान थे.
चंद्रशेखर आजाद ने साधा निशाना
भीम आर्मी प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इस घटना को लेकर प्रदेश की योगी सरकार और प्रशासन पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने इसे "जातिगत भेदभाव और प्रशासन की असंवेदनशीलता" का प्रतीक बताते हुए एक एक्स पोस्ट में लिखा:
"यह केवल एक आत्मदाह नहीं, बल्कि योगी सरकार और प्रशासन पर करारा तमाचा है. यह घटना न्याय प्रणाली और सामाजिक समानता की हत्या है. क्या दलित समाज को न्याय मांगने का भी अधिकार नहीं है?"
आजाद ने कहा कि जितेंद्र और उनके परिवार ने 2021 और 2022 में बागपत में मारपीट की शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन पुलिस ने दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित परिवार पर ही मुकदमे ठोक दिए. उन्होंने इस मामले में तत्काल कार्रवाई और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की.
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प्रशासन की भूमिका पर सवाल
चंद्रशेखर आजाद ने जितेंद्र की मौत को प्रशासन और पुलिस की विफलता करार दिया. उन्होंने कहा कि यह घटना दलित समाज के लिए न्याय की अनुपलब्धता और शोषण का क्रूर चेहरा उजागर करती है. इस घटना ने बागपत ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में दलित समाज की स्थिति और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. आजाद ने स्पष्ट किया कि जब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिलता, वह लड़ाई जारी रखेंगे.
आगे की कार्रवाई
जितेंद्र का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है. भीम आर्मी के समर्थकों ने दोषियों और असंवेदनशील पुलिस अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है.