'धार्मिक व्यक्ति हीं योग्य राजा बन सकता है', बरेली कोर्ट के जज ने सीएम योगी का दिया उदाहरण, बरेली दंगों से जुड़ा है मामला
उत्तर प्रदेश के बरेली मे हुए बवाल मामले में पुलिस प्रशासनिक अफसरों के कार्रवाई न करने पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है.
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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के बरेली मे हुए बवाल मामले में पुलिस प्रशासनिक अफसरों के कार्रवाई न करने पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. बरेली कोर्ट ने बवाल के मामले में आईएमसी अध्यक्ष मौलाना तौकीर को दंगे का मुख्य मास्टर माइंड माना है. कोर्ट ने मौलाना को 11 मार्च को समन जारी कर तलब किया है. दूसरी ओर कोर्ट ने कार्रवाई न करने को लेकर बरेली के अफसरों पर भी तल्ख टिप्पणी की है. वहीं अपर सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने मुख्य्मंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ करते कहा कि धार्मिक व्यक्ति हीं योग्य राजा बन सकता है.
सीएम योगी को भेजी गई रिपोर्ट
इस पूरे मामले में कोर्ट के आदेश की कॉपी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजने का आदेश दिया है. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर इंस्पेक्टर सुभाष यादव ने पांच मार्च को अपना बयान दर्ज किया था. कोर्ट ने कहा, 'हमारे नगर राज्यों में तब तक कष्टों का अंत नहीं होगा जब तक कि दार्शनिक राजा ना हो. सभी बयानों से साफ है कि बरेली के दंगों के मुख्य मास्टरमाइंड मौलाना तौकीर रजा खान ही थे. वह बरेली की प्रमुख दरगाह आला हजरत के परिवार से संबंध रखते हैं. आला हजरत दरगाह की मुस्लिम समाज में बहुत मान्यता है, वह एक धर्मगुरू की हैसियत रखते हैं तथा आईएमसी के अध्यक्ष भी हैं. उनका मुस्लिम समाज पर काफी प्रभाव है.'
कोर्ट ने कहा, 'जब कोई धार्मिक व्यक्ति सत्ता की कुर्सी पर बैठता है तब उसके अच्छे परिणाम होते हैं, दार्शनिक प्लेटो ने अपने ग्रंथ रिपब्लिक आफ फिलास्फर किंग में कहा है कि हमारे नगर राज्यों में तब तक कष्टों का अंत नहीं होगा जब तक कि दार्शनिक राजा ना हो. आज न्याय का मतलब कानून है.'
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2010 में हुआ था बरेली दंगा
अदालत ने कहा है कि अफसरों ने विधिक रुप से काम ना करके सत्ता के इशारे पर काम किया और बरेली दंगा 2010 के मुख्य मास्टर माइंड मौलाना तौकीर रजा खान का सहयोग किया. वही अपने फैसले में अपर सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने समन के अदालती आदेश में कई रुलिंग्स को कोट करते हुए कहा है कि अदालत का काम सिर्फ साइलेंट एम्पायर का नहीं है इसलिए न्यायहित में धारा 147, 148, 149, 307, 436, 332, 336, 427, 152, 153 ए, 295, 397, 398, धारा 120 बी और लोक संपत्ति क्षति अधिनियम की धारा तीन के अन्तर्गत मौलाना तौक़ीर को तलब करने के पर्याप्त आधार हैं.
कोर्ट ने मौलाना को किया तलब
अदालत ने 11 मार्च को मौलाना तौकीर रजा खान को तलब किया है. साथ ही मुख्यमंत्री को भी इस आदेश की प्रति यह कहते हुए भेजने को कहा है कि तत्कालीन अफसरों ने दंगे के मास्टरमाइंड को सहयोग किया था. बता दें कि यह मामला साल 2010 का है. अपराध संख्या 519 मुकदमा थाना प्रेम नगर में पंजीकृत है. इसमे अंजुमन को लेकर विवाद था. इसके संबंध में तौकीर रजा ने जो भाषण दिया दिया था उसके बाद गंगा भड़क गया था. दंगे में बहुत सारी दुकानें फूंक दी गईं थी और सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया था.
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