सांप काटने से हो गई थी मासूम की ‘मौत’, परिजनों ने नदी में बहाया फिर 15 साल बाद जिंदा लौटा

राम प्रताप सिंह

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सांप काटने से हो गई थी मासूम की 'मौत', परिजनों ने नदी में बहाया फिर 15 साल बाद जिंदा लौटा
सांप काटने से हो गई थी मासूम की 'मौत', परिजनों ने नदी में बहाया फिर 15 साल बाद जिंदा लौटा
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Deoria News Hindi: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां 15 साल पहले सांप ने एक 12 साल के लड़के को डस लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी. दावा किया जा रहा है कि परिजनों ने मासूम का शव सरयु नदी में बहा दिया था. मगर अब 15 सालों के बाद वह बच्चा जिंदा होकर घर वापस लौटा आया है. घर वाले अपने बेटे को 15 सालों बाद जिंदा देखकर खुश हैं. क्षेत्र में ये घटना चर्चा का विषय बनी हुई है.

क्या है पूरा मामला

ये पूरा मामला भागलपुर ब्लॉक के मुरासो गांव से सामने आया है. मिली जानकारी के मुताबिक, यहां रहने वाले रामसुमेर यादव के बेटे अंगेश को पंद्रह साल पहले सांप ने काट लिया था, जिससे उसका पूरा शरीर नीला पड़ गया था. घरवालों ने काफी झाड़-फूक कराई, लेकिन वह जिंदा नहीं हो सका. इसके बाद परिजन भागलपुर स्थित सरयु नदी के घाट पर पहुंचे. बताया जा रहा है कि उस दौरान शव को नदी में प्रवाहित करने के लिए जैसे ही नाव पर शव को रखा वैसे ही लड़के ने पेशाब कर दिया. इसके बाद परिजन मासूम को जिंदा समझकर उसे फौरन सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. फिर परिजनों ने उसके शव को सरयु नदी में प्रवाहित कर दिया.

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सोशल मीडिया पर मिली तस्वीर से खुला राज

UP Viral News: ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सत्येंद्र यादव ने बताया कि बीते रविवार को उनके व्हाट्सएप (WhatsApp) पर बलिया जिले से उनके जानने वाले ने एक तस्वीर भेजी और बताया कि एक युवक द्वारा बताया जा रहा है कि वह उनके गांव का रहने वाला है. वह बोल रहा है कि वह कई सालों बाद लौटा है. मगर वह गांव का नाम नहीं बता पा रहा है.

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यह फोटो जब गांव में सबको दिखाई गई और वायरल की गई तो यह पता चला कि यह वहीं लड़का है, जिसको सांप ने काटा था और जिसको नदी में प्रवाहित किया गया था. गांव से लड़के की मां-चाची और प्रधान प्रतिनिधि समेत कुछ लोग बेल्थरा रोड के उसी दुकान पर पंहुचे. मगर तब तक वह युवक इधर-उधर चला गया था. बाद में पता चला कि वह मनियर थाना में हैं.

युवक ने अपनी मां-चाची को पहचाना

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मिली जानकारी के मुताबिक, वहां पहुंचने पर गांव के लोगों ने उसे पहचान लिया. धीरे-धीरे उसने भी अपनी मां और चाची को पहचान लिया.  उसके बाद उसे गांव लाया गया तो वह रास्ता खुद बताने लगा. बताया जा रहा है कि वह जैसे ही गांव पहुंचा वह अपने घर तक खुद चला गया.

‘होश आया तो खुद को पटना में पाया’

युवक अंगेश के मुताबकि, उसे जब होश आया था तो उसने खुद को पटना में बंजारों के बीच पाया. उसे काफी समय तक कुछ समझ नहीं आया. बाद में पता चला कि सपेरे अमन माली ने झाड़-फूक कर उसको ठीक कर दिया था. उन्हीं ने उसे पाला. उसके बाद उन्होंने बिहार के कटिहार में मुझें अपने साथ रखा.

हरियाणा से निकलकर यूं यूपी आया

अंगेश ने बताया कि  जब वह मर गए तो उन्हीं के साथ वाले ने सात साल पहले उसे हरियाणा में एक युवक को बेच दिया. वहां मैंने गाय-भैस चराने और उन्हें खिलाने का काम किया. मेरे से बहुत ज्यादा काम लिया जाता था. युवक के मुताबिक, बीते 24 फरवरी को एक ट्रक ड्राइवर से उसकी मुलाकात हुई, जो आजमगढ़ जा रहा था. किसी तरह से वह हरियाणा से ट्रक से निकला और आजमगढ़ पहुंचा. इस दौरान उसे अपने गांव का नाम याद नहीं था. उसे सिर्फ बेल्थरा रोड याद था. इसके बाद आखिरकार वह अपने परिवार से मिल ही गया.

शिक्षक को भी पहचान लिया

इस पूरे मामले पर गांव के ही श्यामनन्द यादव (सेवानिवृत शिक्षक) ने बताया कि एक लड़के को 15 वर्ष पहले सांप ने काट लिया था. इसके बाद उसको नदी में प्रवाहित कर दिया गया था. लड़का वापस आया और मेरा नाम भी ले रहा था. मैं वहां पहुंचा तो काफी भीड़ थी. मेरे पहुंचते ही उसने पैर छूकर प्रणाम किया. उसने बताया कि आपका नाम श्यामानंद है और आप हमको पढ़ाते थे. मैंने पूछा कि उस समय कौन प्रधानाचार्य थे तो उसने सही नाम बताया. हम समझ लिए कि वही लड़का है.

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