मुरादाबाद में नवजातों के लिए वरदान बना 'मदर मिल्क बैंक', जानें किन शिशुओं के लिए ये है लाभदायक
मुरादाबाद के सरकारी महिला अस्पताल में मदर मिल्क बैंक की शुरुआत की गई है, जो उन नवजात शिशुओं के लिए वरदान साबित हो रही है जो किसी कारणवश अपनी मां का दूध नहीं पी पाते. अब तक 52 माताओं ने दूधदान किया है.
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Moradabad Mother Milk Bank: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के सरकारी महिला अस्पताल में नवजात शिशुओं के लिए एक सराहनीय पहल की गई है. आपको बता दें कि यहां मदर मिल्क बैंक की स्थापना की गई है. यह मिल्क बैंक उन शिशुओं के लिए वरदान बन रहा है जो किसी कारणवश अपनी मां का दूध नहीं पी पाते हैं. यह पहल न केवल जरूरतमंद बच्चों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है, बल्कि मातृत्व की भावना को भी नया आयाम दे रही है.
अब तक 52 माताओं ने किया है दूधदान
महिला अस्पताल के प्रशासन के अनुसार, मदर मिल्क बैंक की शुरुआत के बाद से अब तक 52 माताओं ने आगे आकर दूधदान किया है. दूधदान करने के लिए पहले इन माताओं का पहले ब्लड टेस्ट किया जाता है, जिसमें उनका संपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण शामिल होता है. जब रिपोर्ट सामान्य आती है, तब ही ब्रेस्ट पंप की मदद से दूध स्टोर किया जाता है. इस दूध को अस्पताल के डीप फ्रीजर में सुरक्षित रखा जाता है, जिससे उसकी गुणवत्ता बनी रहे.
169 नवजातों को मिल चुका है मां का दूध
अस्पताल के अनुसार, अब तक 169 नवजात शिशुओं को इस बैंक के माध्यम से मां का दूध मिल चुका है. ये वे बच्चे हैं जिनकी मां किसी कारणवश उन्हें स्तनपान नहीं करा पा रही थीं. कुछ मामलों में माता-पिता बच्चों को जन्म के बाद छोड़ देते हैं, या ऑपरेशन के बाद मां की तबीयत ऐसी नहीं रहती कि वह तुरंत शिशु को दूध पिला सके. ऐसे में यह दूध उनके लिए संजीवनी बन रहा है.
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एसएनसीयू में बच्चों की सेहत में आ रहा सुधार
महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. निर्मला पाठक ने बताया कि मदर मिल्क बैंक की शुरुआत के बाद एसएनसीयू में भर्ती नवजातों के स्वास्थ्य में काफी सुधार देखा गया है. इसकी वजह से बच्चों का वजन समय पर बढ़ रहा है, वे बीमारियों से भी सुरक्षित रह रहे हैं और उनकी रिकवरी भी तेज हो रही है.
उन्होंने बताया कि अक्सर नवजात बच्चे मशीनों पर रहते हैं और मां वार्ड में होती हैं. ऐसे में बार-बार बच्चों को मां के पास ले जाना संभव नहीं होता. लेकिन अब माताएं एक बार में ही दूध दान करके बैंक में स्टोर करवा देती हैं, जिसे जरूरत के अनुसार शिशुओं को दिया जाता है.
जागरूकता के लिए जल्द होगी काउंसलर की तैनाती
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि दूध दान को लेकर और अधिक माताओं को प्रेरित करने के लिए जल्द ही एक काउंसलर की तैनाती की जाएगी. इससे महिलाओं में इस विषय पर जागरूकता बढ़ेगी और अधिक माताएं आगे आकर दूधदान करेंगी. प्रशासन का यह भी मानना है कि इस तरह की पहल से भविष्य की एक स्वस्थ पीढ़ी का निर्माण संभव होगा, क्योंकि जीवन की शुरुआत में मां का दूध मिलना शिशुओं के लिए अत्यंत लाभकारी होता है.
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