प्रदूषण को मात देता मुरादाबाद...स्वच्छ वायु रैंकिंग में यूपी में मिली रैंक-1, देश में मिला यह स्थान
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2024 में मुरादाबाद ने देशभर में दूसरा और उत्तर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है. यह सफलता वायु गुणवत्ता में 60% सुधार, कचरा प्रबंधन, जल संरक्षण, ग्रीन बेल्ट विकास और नागरिकों की भागीदारी जैसे प्रयासों का परिणाम है.
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Moradabad News: स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2024 में मुरादाबाद ने देश के बड़े शहरों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. बता दें कि 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में मुरादाबाद ने पूरे देश में दूसरा स्थान और उत्तर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है. यह रैंकिंग पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के अंतर्गत जारी की गई है. मुरादाबाद ने पिछले सालों की तरह इस बार भी अपनी उत्कृष्टता को कायम रखा है और राज्य के स्वच्छता व प्रदूषण नियंत्रण में अपनी अग्रणी भूमिका को दोहराया है.
लगातार किया बेहतर प्रदर्शन
मुरादाबाद ने पिछले सालों में भी स्वच्छ वायु गुणवत्ता के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. साल 2021 में यह शहर पूरे देश में पहले स्थान पर था, जबकि 2022 में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान हासिल किया. 2024 में भी मुरादाबाद ने दोबारा राष्ट्रीय स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त कर उत्तर प्रदेश में अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी है. नगर निगम के अनुसार, 2019-20 की तुलना में 2024 तक शहर की वायु गुणवत्ता में लगभग 60 प्रतिशत सुधार हुआ है. इसी सफलता के चलते मुरादाबाद को 25 लाख रुपए का नकद पुरस्कार, प्रमाण पत्र और शील्ड प्रदान किया गया, जिसे दिल्ली में आयोजित एक समारोह में नगर आयुक्त और महापौर ने स्वीकार किया.
प्रशासन और नागरिकों की संयुक्त सफलता
यह उपलब्धि केवल प्रशासनिक प्रयासों का परिणाम नहीं है, बल्कि नागरिकों की सक्रिय भागीदारी ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है. अधिकारियों ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए हरियाली को बढ़ावा देना, साफ-सफाई की आदतें अपनाना और औद्योगिक उत्सर्जन पर सख्त निगरानी जैसे कई कदम उठाए गए हैं. नगर निगम ने कई विशेष पहलें शुरू कीं, जिनमें भारत का पहला गौतम बुद्ध अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र शामिल है, जहां डिजिटल म्यूरल्स और प्रोजेक्शन शो के माध्यम से नागरिकों को पर्यावरण जागरूकता के लिए जोड़ा जा रहा है.
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प्रमुख पहलें और पर्यावरण संरक्षण के उपाय
नगर निगम ने 5.8 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे का निस्तारण किया, जिससे 20 एकड़ भूमि को मुक्त कर मियावाकी वन, इको-पार्क और अन्य हरित स्थल विकसित किए गए. शहर में 27 किलोमीटर से अधिक सड़क किनारे ग्रीन बेल्ट बनाई गई है जिससे शहरी गर्मी और वायु प्रदूषण में कमी आई है. गड्ढामुक्त सड़कों की वजह से धूल प्रदूषण में भी भारी कमी आई है जिससे PM10 स्तर 243 से घटकर 97 पर आ गया है. इसके अलावा निर्माण मलबे के पुनः उपयोग के लिए 9 कलेक्शन सेंटर और 100 टन प्रति दिन क्षमता वाले प्रोसेसिंग प्लांट भी बनाए जा रहे हैं.
जल संरक्षण और कचरा प्रबंधन में नवाचार
गंदे पानी को दोबारा इस्तेमाल करके सड़क धोने, स्मॉग कम करने के लिए छिड़काव और खेतों की सिंचाई में काम लिया जा रहा है. 11 तालाबों को सुधारकर उनमें पाँच लाख घनमीटर बारिश का पानी जमा करने की क्षमता बनाई गई है. कचरा प्रबंधन के लिए 600 टन रोज की क्षमता वाले प्लांट से खाद (कम्पोस्ट) और RDF ईंधन बनाया जा रहा है. साथ ही, मोबाइल वैन और ई-वेस्ट वैन के जरिए लोगों को पुराने कपड़े, किताबें, खिलौने और इलेक्ट्रॉनिक कचरा दान करने के लिए बढ़ावा दिया गया है.
नागरिक सहभागिता से शहर का सौंदर्यीकरण
मुरादाबाद के 70 वार्डों में GPS युक्त वाहनों से घर-घर कचरा संग्रहण और रियल टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है. 75 से अधिक कचरा प्रभावित स्थलों को थीम पार्क और वॉल पेंटिंग के माध्यम से सुंदर बनाया गया है. कुल मिलाकर 3 लाख से अधिक नागरिक इस स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से जुड़े हैं, जिससे डंपिंग यार्ड को हरित क्षेत्रों में परिवर्तित किया जा सका है.
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