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मेरठ की 'अब्दुल्ला रेजिडेंसी' पर लगा था हिंदुओं की नो एंट्री का आरोप... अब यहां चला बुलडोजर, ये बात भी पता चली

उस्मान चौधरी

मेरठ की अब्दुल्ला रेजिडेंसी सोसाइटी पर हुए विवाद के बाद हुई कार्रवाई. जानें, कैसे 300 मीटर जमीन पर अवैध कब्जा पाया गया, जिसे बुलडोजर से हटाया गया, और क्या है इस पूरे मामले की सच्चाई.

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Meerut News
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Meerut News: मेरठ में हाल ही में विवादों में आई हापुड़ रोड स्थित अब्दुल्ला रेजिडेंसी सोसाइटी की जमीन की मंगलवार को पैमाइश की गई. इस दौरान लगभग 300 मीटर जमीन पर अवैध कब्जा मिला. आवास विकास अधिकारियों ने बुलडोजर से अवैध निर्माण को ध्वस्त कर उक्त जमीन को मुक्त कराया. आवास विकास की ओर से कॉलोनी के पार्टनरों के खिलाफ थाने में तहरीर दी गई है. वहीं बताया जा रहा है कि बिल्डर द्वारा उपलब्ध कराई गई कॉलोनी में भूखंड और मकान खरीदने वाले लोगों की सूची में एक हिंदू खरीदार का नाम शामिल है. कॉलोनी में मस्जिद जैसा कोई भवन अभी नहीं मिला है. विस्तृत जांच पूरी कर रिपोर्ट डीएम को सौंप जाएगी.

दरअसल कुछ दिन पहले अब्दुल्ला रेजिडेंसी पर आरोप लगा था कि वहां हिंदुओं की नो एंट्री है, जिसके बाद मेरठ के दक्षिण विधायक सोमेंद्र तोमरने इस पर जांच की बात कही और जिला प्रशासन को पत्र लिखा. जिला प्रशासन ने जांच के लिए तीन सदस्य टीम गठित की. मंगलवार को टीम जांच करने के लिए पहुंची और आवास विकास अधिकारियों के साथ जब वहां सोसाइटी की जमीन नापी गई तो उसमें लगभग 300 मीटर के आसपास अवैध कब्जा मिला, जिसको बुलडोजर तोड़ दिया गया. 

इस मामले में सोसाइटी के पार्टनर महेंद्र गुप्ता और जावेद इकबाल के खिलाफ जमीन पर कब्जा करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने के लिए नौचंदी थाने में तहरीर दी गई है. सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी ने बताया कि मुकदमा दर्ज किया जा रहा है.  बताया जा रहा है कि बिल्डर से कॉलोनी की संपत्ति खरीदने वालों की लोगों की सूची मांगी गई. इसमें एक हिंदू समुदाय के शख्स का नाम सामने आया है. बताया जा रहा है कि उक्त व्यक्ति ने कॉलोनी में 37 नंबर विला की बुकिंग करने के लिए मौखिक पुष्टि की है.

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