लखनऊ: नवजात शिशु के फेफड़ों में फंस गई थी आंत, KGMU के डॉक्टरों ने इस तकनीक से बचा ली जान
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक सकारात्मक खबर सामने आई है. आपको बता दें कि केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी डिपार्टमेंट ने 4…
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक सकारात्मक खबर सामने आई है. आपको बता दें कि केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी डिपार्टमेंट ने 4 माह के बच्चे के फेफड़ों में फंसी आंत को निकाल कर उसकी जिंदगी को बचा लिया है.
पीडियाट्रिक सर्जरी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. जेडी रावत ने बताया कि रायबरेली के रहने वाले रियाज अली और उनकी पत्नी निशा अपने 4 माह के इकलौते बेटे को लेकर काफी परेशान थे, क्योंकि पिछले 2 महीने से नव जन्मे बच्चे को लगातार खांसी आ रही थी जिसकी वजह से उसे सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.
उधर, रायबरेली के डॉक्टरों के प्रयास के बाद भी बच्चे की खांसी नहीं रुकी तो परिजन उसे लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल लेकर आए, जहां उसे पीडियाट्रिक सर्जरी डिपार्टमेंट में दिखाया गया. इसके बाद सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉक्टरों ने ट्रीटमेंट करना शुरू कर दिया. सबसे पहले बच्चे का एक्सरे कराया गया तो पाया गया कि बाएं तरफ का फेफड़ा डायफ्राम में न होने के चलते वह सिकुड़ गया है और आंतें फेफड़ों में फंस गई थीं.
जेडी रावत ने बताया कि फेफड़ों में फंसी हुई आंतों को निकालने के लिए ऑपरेशन की आवश्यकता थी. साथ ही ऑपरेशन के बाद वेंटिलेटर की भी जरूरत थी. हालांकि ब्लड और वेंटिलेटर की व्यवस्था हो गई थी, जिसके बाद बच्चे को ऑपरेशन थिएटर में लाया गया, जहां उसका दूरबीन विधि से सफल इलाज किया गया.
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डायफ्राम का छेद बड़ा होने के कारण डायफ्राम को बिना कॉम्प्लिकेशन के हाथों से ठीक कर दिया गया और वहीं फेफड़ों में घुस चुकी आंतों को बाहर निकाला गया. हालांकि इस दौरान एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट ने भी सूझबूझ का परिचय दिया और बच्चे को बेहोशी की स्थिति से पुनः होश में लाया गया, जिसके चलते बच्चे को वेंटिलेटर पर ले जाने की आवश्यकता भी नहीं पड़ी. डॉक्टर जेडी रावत ने यह भी बताया कि बच्चा पूरी तरीके से अब ठीक है और उसको अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.
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