झूठे मुकदमे में फंसाकर एनकाउंटर करवा दिया जाएगा...IRS योगेंद्र मिश्रा की पत्नी ने IRS गौरव गर्ग पर लगाया बड़ा आरोप
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो IRS अधिकारी गौरव गर्ग और योगेंद्र मिश्रा के बीच विवाद के बाद हुई मारपीट का मामला अब बढ़ता ही जा रहा है. अब इस मामले में ये नया अपडेट सामने आया है.
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Lucknow Crime News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो IRS अधिकारी गौरव गर्ग और योगेंद्र मिश्रा के बीच विवाद के बाद हुई मारपीट का मामला अब बढ़ता ही जा रहा है. आपको बता दें कि आईआरएस अधिकारी योगेंद्र मिश्रा की पत्नी नेहा मिश्रा आज (शनिवार) लखनऊ पुलिस आयुक्त के कार्यालय पहुंची. इस दौरान परिवहन विभाग में अधिकारी नेहा मिश्रा ने पुलिस कमिश्नर को एक लिखित एप्लीकेशन सौंपी. आपको बता दें कि नेहा मिश्रा ने अपने पति का खुलकर समर्थ किया है. उन्होंने कहा कि योगेंद्र मिश्रा जो कहा रहे हैं वही सच है.
नेहा मिश्रा ने क्या आरोप लगाए?
इस एप्लिकेशन में नेहा मिश्रा ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि 29 मई को आयकर कार्यालय लखनऊ में उनके पति योगेंद्र मिश्रा के साथ अभद्रता और हमला किया गया. उन्होंने बताया कि यह घटना गौरव गर्ग नामक व्यक्ति द्वारा की गई, जिसमें मारपीट के दौरान योगेंद्र मिश्रा की अंगूठी गौरव गर्ग को लग गई. पत्र में आगे लिखा गया है कि गौरव गर्ग की पत्नी रवीना त्यागी एक आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में लखनऊ में तैनात हैं.
नेहा मिश्रा का आरोप है कि गौरव गर्ग ने उनके पति को धमकी दी कि उसकी पत्नी पुलिस विभाग में बड़ी अफसर है और वे उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाकर एनकाउंटर करवा देंगे. पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस घटना से संबंधित सभी तथ्य पहले ही ईमेल के माध्यम से पुलिस को भेजे जा चुके हैं.
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अब नेहा मिश्रा ने पुलिस आयुक्त से अनुरोध किया है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हजरतगंज थाने को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए जाएं. पत्र सौंपने के बाद जब मीडिया ने नेहा मिश्रा से पूछा कि क्या उनके पति को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है, तो उन्होंने कहा- 'मैंने अपनी बात कमिश्नर साहब को लिखित रूप में दे दी है, लेकिन जो योगेंद्र जी कह रहे हैं, वही सच है.'
हालांकि उन्होंने आगे इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा- 'मुझे इस पर कुछ और बात नहीं करनी है.'
क्या है गौरव गर्ग का आरोप?
गौरव गर्ग की ओर से भी शिकायत दी गई जिसमें कहा गया, "29 मई को दोपहर 3 से 3:30 बजे के बीच, जब गौरव गर्ग अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पीसीसी महोदय के फेयरवेल कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर रहे थे, तब योगेंद्र मिश्रा अचानक बिना अनुमति के कक्ष में घुसे. उन्होंने जोर-जोर से गालियां दीं और कहा कि जबरन उनका ट्रांसफर कराया गया है. उन्होंने धमकी दी कि ट्रांसफर वापस नहीं हुआ और यदि आगे कार्रवाई की गई तो वह जान से मार देंगे. इसके बाद उन्होंने पानी फेंका, कांच का गिलास फेंका और कांच तोड़कर गर्दन पर हमला करने की कोशिश की."
शिकायत के अनुसार, "गौरव गर्ग ने बचने का प्रयास किया लेकिन योगेंद्र मिश्रा ने उनका गला दबाया, जिससे उनकी सांस रुकने लगी. उन्होंने कई मुक्के मारे, जिससे खून बहने लगा और दांत हिल गए. साथ ही दाहिने कान से सुनाई देना बंद हो गया. इसके बाद उन्होंने जानबूझकर जूते से प्राइवेट पार्ट पर हमला किया और घुटनों पर भी मारा."
गौरव गर्ग के शिकायत के अनुसार, "इस पूरी घटना के दौरान शौर्य शाश्वत शुक्ल ने उन्हें बचाने की कोशिश की. योगेंद्र मिश्रा ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और सरकारी कार्य में बाधा डाली. तत्काल डायल 112 पर सूचना दी गई, जिसके बाद गौरव गर्ग को सिविल अस्पताल ले जाया गया. अत्यधिक चोटों और खून बहने के कारण वे बेहोश हो गए. डॉक्टरों द्वारा थोड़ी राहत मिलने के बाद उन्होंने एक लिखित प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें उचित वैधानिक कार्रवाई की मांग की गई है."