लखनऊ में ऋषिकेश से शादी से पहले मुस्कान के जीजा ने एक फोन कर सब खत्म कर दिया... फिर लड़की ने ये सब सहा
Lucknow News: लखनऊ के ऋषिकेश पांडे और बाराबंकी की मुस्कान तिवारी की प्रेम कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट आया. शादी की तारीख तय होने के बाद मुस्कान के परिवार ने तिलक के दिन शादी तोड़ दी. इसके बाद मुस्कान ने घर से भागकर ऋषिकेश से शादी की, लेकिन उसके परिजन उसे बंदूक की नोंक पर उठा ले गए.
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Lucknow Crime News: उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले से एक बेहद ही चौंकाऊ मामला सामने आया है. लखनऊ के ऋषिकेश पांडे की शादी बाराबंकी की मुस्कान तिवारी से तय हुई थी. दोनों का रिश्ता कोई साधारण नहीं, बल्कि प्रेम कहानी से शुरू हुआ था. दावा है कि इस रिश्ते को दोनों परिवारों की सहमति भी मिल गई थी. शादी की तारीखें पक्की हो गईं, कार्ड भी छप गए. मगर तिलक के दिन एक फोन कॉल ने सब कुछ बदल दिया. मुस्कान के जीजा ने शादी तोड़ने का ऐलान कर दिया और कहा कि यह सब सिर्फ बेइज्जती करने के लिए किया गया था. इसके बाद इस मामले में कई ट्विस्ट सामने आए. पूरी खबर आप विस्तार से आगे जानिए.
शादी के कार्ड भी छप गए थे
मालूम हो कि लखनऊ के ऋषिकेश पांडे की बाराबंकी निवासी मुस्कान तिवारी से शादी पक्की हुई थी. तिलक के लिए तारीख 25 नवंबर 2024 और विवाह के लिए 9 दिसंबर 2024 तय हुई थी. दोनों परिवारों ने सहमति जताई और कार्ड भी छपवाए गए थे. दोनों एक-दूसरे को जानते थे और प्रेम के कारण रिश्ते को पारिवारिक मंजूरी मिली थी.
तिलक के दिन मेहमानों की भीड़ में ही मुस्कान के जीजा सूरज तिवारी का फोन आया. उन्होंने साफ कह दिया अब ये शादी नहीं होगी. तुम्हारी बेइज्जती करनी थी, कर दी. शिकायत पर बताया गया कि कार्ड सिर्फ बेवकूफ बनाने के लिए छपवाए गए थे. जब ऋषिकेश अगले दिन मुस्कान से मिलने उसके घर गया, तो देखा कि मुस्कान को उसके पिता अशोक तिवारी, मां सरिता तिवारी और जीजा सूरज तिवारी ने कमरे में बंद कर पीटा था. समझाने की हर कोशिश बेकार रही.
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मुस्कान आई भागकर और कर ली शादी
29 दिसंबर को मुस्कान घर से भागकर ऋषिकेश के पास पहुंची. रोते हुए उसने बताया कि कई दिनों से कमरे में बंद रखकर पीटा जा रहा था और उसकी जान को खतरा था. डर-डरकर 30 दिसंबर को ऋषिकेश ने आर्य समाज मंदिर में उससे विवाह किया और उसी दिन विवाह का रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया. उसी शाम जब ऋषिकेश घर से कुछ सामान लेने बाहर गया, तो मुस्कान के पिता, जीजा और 10-12 अज्ञात लोग असलहों के साथ आए. बंदूक की नोक पर वे मुस्कान को जबरन उठा ले गए. तभी से मुस्कान का कुछ पता नहीं चला.
पुलिस पर लगा ये आरोप
ऋषिकेश ने उसी रात चिनहट कोतवाली में तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने बार-बार जांच का हवाला देकर टाला अगले हफ्ते आइए कहा गया. तीन महीने गुजर गए. न रिपोर्ट दर्ज हुई, न कार्रवाई हुई. थक-हार कर 21 अप्रैल को ऋषिकेश ने पुलिस आयुक्त को रजिस्टर्ड पत्र भेजा, पर कोई जवाब नहीं मिला. आखिरकार ऋषिकेश ने कोर्ट का सहारा लिया. कोर्ट के आदेश मिलने के बाद चिनहट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया.
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