कानपुर: गर्मी ने तोड़ा 52 साल का रिकॉर्ड, फसल के अलावा जानवरों पर भी खतरा
Kanpur Weather News: अभी फरवरी का ही महिना चल रहा है और गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. तापमान में तेजी से…
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Kanpur Weather News: अभी फरवरी का ही महिना चल रहा है और गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. तापमान में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. कानपुर में इस साल फरवरी महीने में ही गर्मी ने 52 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. चंद्रशेखर आजाद कृषि उद्यान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ये दावा किया है. कुछ दिनों से लगातार 30 डिग्री से ऊपर का तापमान रिकॉर्ड करा जा रहा है, जो इससे पहले कभी फरवरी में नहीं हुआ.
उत्तर भारत में पड़ रही भीषण गर्मी पर आईएमडी के मौसम वैज्ञानिकों ने जांच शुरू किया है. 20 फरवरी को अधिकतम तापमान 32 डिग्री दर्ज किया गया है जो 52 सालों में कभी भी नहीं दर्ज किया गया है.
1972 से रिकॉर्ड खंगालने के बाद यह पता चला कि पूरे फरवरी जो औसतन तापमान रहा है. वह पिछले सालों के मुताबिक 2 से 3 डिग्री ज्यादा रहा है. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक पिछले 10 सालों में भी इस महीने के अंतिम 3 दिनों में ही कभी-कभी अधिकतम तापमान 30 डिग्री तक पहुंचा या इससे ऊपर गया. आंकड़ों के अनुसार ऐसा बहुत ही कम हुआ है कि फरवरी के महीने में तापमान 30 डिग्री के ऊपर गया है. वह भी सिर्फ आखरी के कुछ दिनों में होता था. लेकिन इस बार 7 फरवरी को तापमान 30 डिग्री पहुंच गया. उसके बाद 13 फरवरी को 31 डिग्री के ऊपर रिकॉर्ड हुआ और अब पूरे महीने की औसतन तापमान 2 से 3 डिग्री ज्यादा आई है.
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जल्द गर्मी पड़ना है हानिकारक
UP Weather Update: मौसम वैज्ञानिक सुनील पांडे का कहना है कि सर्दी खत्म होने के सीधा बाद अब गर्मी शुरू हो गई है और बीच से बसंत ऋतु गायब नजर आ रही है. यह लोगों और पशुओं के लिए हानिकारक हो सकता है. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो आईएमडी ने मौसम के इस मिजाज पर एक कमेटी गठित करते हुए विस्तृत पड़ताल शुरू कर दी है. उत्तर भारत में तापमान 37 और 38 डिग्री तक कहीं-कहीं पहुंच रहा है जो काफी चिंताजनक है.
मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक इंसानों में इसका काफी फर्क पड़ रहा है, अचानक सर्दी के मौसम से गर्मी के मौसम में जाने से लोगों की तबीयत पर फरक पड़ रहा है क्योंकि वसंत ऋतु में जो बॉडी को गर्मी के मौसम में ढलने का वक्त मिलता था वह नहीं मिल पा रहा है. साथ ही जानवरों में भी इसका असर पड़ेगा उनकी दूध देने की क्षमता पर अत्यधिक पर भी असर पड़ सकता है. मौसम के ऐसे बदलाव के कारण आने वाले समय में फसलों के उप जाई पर भी काफी फर्क पड़ेगा. जिससे आने वाले समय में खाद्य संकट पैदा हो सकता है. एसएन पांडे का कहना है कि आने वाला महीने काफी गर्म होने वाले हैं और जो टेंपरेचर मई-जून में रहता था उससे एक से दो डिग्री ज्यादा ही रहने की आशंका है.
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