कानपुर DM जितेन्द्र प्रताप सिंह और CMO डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच जबरदस्त टकराव, ऑडियो भी वायरल! चल क्या रहा है?

सिमर चावला

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बार फिर सियासी और प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है.  यहां जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच तीखी जंग छिड़ गई है.

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बार फिर सियासी और प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है.  यहां जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच तीखी जंग छिड़ गई है.  डीएम ने सीएमओ की कार्यशैली और स्वास्थ्य सेवाओं में अव्यवस्था को लेकर शासन को कार्रवाई की मांग भेजी है. वहीं दूसरी ओर वायरल ऑडियो क्लिप्स ने इस विवाद को और गहरा कर दिया. इन क्लिप्स में सीएमओ द्वारा डीएम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने का दावा किया जा रहा है. 


कानपुर में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर शुरू हुआ विवाद अब खुली जंग में बदल चुका है.  जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमी पर गंभीर आरोप लगाते हुए शासन को पत्र लिखा. डीएम का कहना है कि जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में निरीक्षण के दौरान कई खामियां सामने आईं. डॉक्टरों के तबादलों में कथित मनमानी और स्वास्थ्य सेवाओं में निष्क्रियता के लिए डीएम ने सीएमओ को जिम्मेदार ठहराया.उन्होंने शासन से सीएमओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

मामला तब और तूल पकड़ा जब सोशल मीडिया पर तीन ऑडियो क्लिप्स वायरल हो गईं. इन क्लिप्स में दावा किया जा रहा है कि सीएमओ डीएम के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कर रहे हैं.  एक क्लिप में कथित तौर पर सीएमओ कहते सुनाई दे रहे हैं  कि "75 जिलों में ऐसा कोई डीएम नहीं देखा जो इस तरह बात करता हो." दूसरी क्लिप में हर महीने "आमदनी निकालने" और पैसे की व्यवस्था को लेकर बातचीत का जिक्र है.  हालांकि इन ऑडियो क्लिप्स की सत्यता की पुष्टि नहीं हुई है, और तकनीकी जांच भी बाकी है.
  
14 जून 2025 को कानपुर के नवीन सभागार में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में यह विवाद खुलकर सामने आया.  डीएम ने सीएमओ से वायरल ऑडियो क्लिप्स के बारे में जवाब मांगा है.  जवाब में डॉ. नेमी ने खुद को बेकसूर बताते हुए दावा किया कि ऑडियो में उनकी आवाज नहीं है और यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का इस्तेमाल कर उन्हें बदनाम करने की साजिश है.  डीएम ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि अगर ऑडियो फर्जी है तो दोषियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कराई जाए.  लेकिन सीएमओ के जवाब से संतुष्ट न होने पर डीएम ने उन्हें बैठक से बाहर जाने का आदेश दे दिया.
  
सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी ने अपनी सफाई में कहा कि यह पूरा मामला उनके खिलाफ सुनियोजित साजिश का हिस्सा है.  उनका दावा है कि वे स्वास्थ्य विभाग को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं और वायरल ऑडियो क्लिप्स फर्जी हैं.  उन्होंने कहा, "मेरी आवाज का दुरुपयोग कर मुझे टारगेट किया जा रहा है. मैं इसका कानूनी जवाब दूंगा." 

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