ट्विन टावर के जमीन पर बनेगा मंदिर? जानें एमराल्ड कोर्ट के निवासियों क्या कुछ कहना है

भूपेंद्र चौधरी

नोएडा में ट्विन टावर (Twin Tower) के ध्वस्तीकरण के बाद खाली हुई जमीन को लेकर लड़ाई शुरू हो गई है. बिल्डर ने जमीन अभी एमराल्ड…

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नोएडा में ट्विन टावर (Twin Tower) के ध्वस्तीकरण के बाद खाली हुई जमीन को लेकर लड़ाई शुरू हो गई है. बिल्डर ने जमीन अभी एमराल्ड कोर्ट (Emerald Court) को हैंडओवर नहीं किया है. वहीं टावर के ध्वस्तीकरण के बाद खाली हुई जमीन पर अब मंदिर बनाने की चर्चाएं चल रही हैं. मंदिर बनाने की चर्चाओं को लेकर यूपी तक की ने एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के लोगों से बातचीत कर उनके मन को टटोलने की कोशिश की है.

सबसे पहले हमने एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष उदय भान सिंह तेवतिया से बातचीत की. गौरतलब है कि तेवतिया पहले आदमी थे, जिन्होंने ट्विन टावर के खिलाफ याचिका दायर की थी.

तेवतिया ने यूपी तक को बताया कि ट्विन टावर की खाली हुई जमीन को बिल्डर ने RWA को हैंडओवर नहीं किया है, जमीन पार्क और प्ले ग्राउंड की है, इसीलिए यहां पार्क और प्ले ग्राउंड बनाया जाएगा.

इसके अलावा जब हमने खाली हुई जमीन पर मंदिर के निर्माण पर हो रही चर्चा को लेकर सवाल किया, तो तेवतिया ने कहा कि वह जमीन पर किसी तरह के निर्माण को लेकर अकेले फैसला नहीं ले सकते हैं. सितंबर के तीसरे हफ्ते में सोसायटी के लोगों के साथ आरडब्ल्यूए की मीटिंग होगी, जिसमें रेजिडेंस से चर्चा किया जाएगा कि पार्क और प्ले ग्राउंड के अलावा और भी कोई निर्माण होना या नहीं, लेकिन फिलहाल इस तरह की कोई चर्चा नहीं है.

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वहीं हमने सोसायटी के भी कई रेजिडेंट से बात की कि आखिर वो ट्विन टावर के जमीन पर क्या देखना पसंद करते हैं. सोसायटी के एस्टर टावर के निवासी कपिंद्र ने बताया कि जमीन सोसायटी की है, इसलिए अब सोसायटी को मिल जाएगी, जमीन पार्क के लिए इसलिए है, इसलिए पार्क बनना चाहिए, बाकी RWA की मीटिंग होगी जो फैसला लिया जाएगा, वही निर्माण होना चाहिए.

एक अन्य सोसाइटी निवासी अपर्णा, जो सफायर टावर में रहती हैं. उन्होंने बताया कि सोसायटी में बच्चों के खेलने के लिए ग्राउंड नहीं है, इसलिए वहां पार्क और प्ले ग्राउंड बनना चाहिए. वहीं मंदिर बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसा सोचा नहीं है, RWA की मीटिंग होगी, उसके बाद कोई फैसला होगा.

सोसायटी के एक और निवासी एके अस्थाना ने बताया कि सोसायटी के लोग वहां पार्क देखना चाहते हैं, क्योंकि जमीन सोसायटी के पार्क की थी, अगर मंदिर बने पार्क के साथ तो और अच्छी बात होगी, क्योंकि सोसायटी में कोई मंदिर नहीं है.

सोसायटी के अधिकतर लोगों ने कहा है कि जमीन पार्क के लिए थी इसलिए पार्क बनना चाहिए. मंदिर बनाने के सवाल पर सभी ने यही कहा है कि अगर पार्क के साथ मंदिर बनता है तो अच्छी बात होगी. हालांकि, RWA के मीटिंग के बाद ही कुछ फैसला होगा.

फिलहाल बिल्डर ने ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के बाद खाली हुई जमीन आरडब्लूए को हैंडओवर नहीं किया है. ध्वस्तीकरण के बाद इकट्ठा हुए मलबे को खाली करने का काम किया जा रहा है, जिसमें 2 से 3 महीने लग सकते हैं. ध्वस्तीकरण के बाद मलबे को तोड़कर सरिया निकाला जा रहा हैं.

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