Ram Mandir Ayodhya: रामलला के पड़ोसी हैं अयोध्या के नूर आलम, इस नाते कर रहे धर्म का ये काम
Ram Mandir in Ayodhya: अयोध्या के रहने वाले नूल आलम ने बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने ऐसा कदम उठाया है, जिसकी चर्चा हर कोई कर रहा है. नूर आलम का कहना है कि ऐसा करके उन्होंने रामलला के पड़ोसी होने का फर्ज निभाया है.
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Ram Mandir Ayodhya: जैसे-जैसे 22 जनवरी पास आती जा रही है, वैसे-वैसे अयोध्या की तस्वीर भी बदलने लगी है. अयोध्या पर इस समय पूरे देश की निगाह है. इसी बीच अयोध्या के रहने वाले नूर आलम देशभर में चर्चाओं में आ गए हैं. दरअसल नूर आलम की अयोध्या में काफी जमीन है. मगर ये जमीन राम जन्मभूमि परिसर के पास में ही स्थित है. ऐसे में नूर आलम ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है.
दरअसल रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को देखते हुए अयोध्या में सबसे बड़ा भंडारा शुरू होने जा रहा है. यहां 20 हजार लोगों का भंडारा हर दिन करवाया जाएगा. अब नूर आलम ने इस भंडारे के लिए अपनी जगह दे दी है. अब नूर आलम की जगह पर ही इस भंडारे का आयोजन किया जाएगा. इसको लेकर नूर आलम की जमीन पर निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है. आपको ये भी बता दें कि राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से नूर आलम को ही भंडारे और उसकी व्यवस्था की तमाम जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. नूर आलम का कहना है कि वह रामलला के पड़ोसी होने का फर्ज निभा रहे हैं.
रामजन्मभूमि परिसर के ठीक बगल में है जमीन
बता दें कि राम जन्मभूमि के परिसर के ठीक बगल में यूसुफ आरा मशीन है. इसके मालिक नूर आलम की यहां पैतृक जमीन है. इस जमीन पर ही उनका आरा मशीन का कारोबार चलता है. नूर आलम यहां अपने परिवार के साथ भी रहते हैं. मगर अब उनकी जमीन पर बड़े स्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है.
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दरअसल इसी जगह करीब 20 हज़ार लोगों के लिए भंडारा तैयार करने का काम किया जाएगा. खुद श्रीराम ट्रस्ट के पदाधिकारियों की देखरेख में ये जगह तय की गई है और यहां भंडारे का फैसला किया गया है. नूर आलम ने भी इस काम के लिए अपनी जमीन दे दी है. श्रीराम ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने खुद इस काम की जिम्मेदारी नूर आलम को दी है. नूर आलम और उनका पूरा परिवार अब इस काम में लग गया है.
‘मेरे पास शब्द नहीं हैं’
नूर आलम कहते हैं, यहां प्रभु श्रीराम के मेहमान आएंगे, उनका भोजन बनेगा. चम्पत राय जी ने खुद इस जगह को डिसाइड किया है. उनके ही हिसाब में यहां निर्माण कार्य हो रहा है. ये मेरे और मेरे परिवार के लिए गर्व की बात है. खुद प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री यहां आ रहे हैं, हम बहुत खुश हैं.
‘रामलला के पड़ोसी होने का फर्ज निभा’
एक समय था जब नूर आलम की ये जमीन देश के सबसे ज्यादा हाई सिक्योरिटी जोन में से एक में आती थी. दरअसल ये जमीन राम जन्मभूमि के बगल में हैं. यहां हमेशा सुरक्षाकर्मी तैनात रहते थे. यहां करीब तक जाने की परमिशन नहीं थी. मगर अब हालत बदल गए हैं. मंदिर का निर्माण हो रहा है.
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नूर आलम का कहना है कि रामलला मेरे पड़ोसी हैं. वह पड़ोसी होने का फर्ज निभा रहे हैं. इस काम के लिए अपने कारोबार में बदलाव करने के लिए भी हम तैयार हैं. हम लोग भगवान श्रीराम के पड़ोसी हैं. हम पड़ोसी है इसलिए हमारी भी कुछ जिम्मेदारी है. हमें इस बात का गर्व है.
‘हमें किसी से मतलब नहीं है’
नूर आलम के इस फैसले पर क्या मुस्लिम समाज के लोग उनसे नाराज है? इसपर नूर आलम ने कहा कि उन्हें कोई मतलब नहीं है. हमने लोगों और अपने बच्चों को यही समझाया है कि जो केस था वो खत्म हो गया है. अब आगे बढ़ने का समय है.
‘अयोध्या का विकास देखकर आंसू आ जाते हैं’
नूर आलम उस दौर को भी याद करते हैं, जब यहां आने से भी लोग बचते थे. आज जब अयोध्या का विकास हो रहा है तो नूल आलम की आंखों में आंसू आ जाते हैं. वह कहते हैं, हमारी अयोध्या बदल रही है. मंदिर बनने से अयोध्या बदल रही है. यहां जो विकास हो रहा है, वह हमने सपने में भी नहीं सोचा होगा. ये देख आंखों में आंसू आ जाते हैं.
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