रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या के मुसलमानों ने कर दी पीएम मोदी से बड़ी मांग
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से पूरा हो रहा है. जनवरी में रामलला की मूर्ती की प्राण प्रतिष्ठा है. पीएम के आने की तैयारी है. इस बीच मुस्लिम समुदाय ने भी एक खास मांग की है.
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Ayodhya Ram temple news: अयोध्या में काफी तेजी से राम मंदिर के निर्माण कार्य को पूरा किया जा रहा है. मंगलवार को दशहरा के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के चीफ मोहन भागवत तक ने अपनी स्पीच में अगली साल मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र किया है. इस बीच अयोध्या के मुस्लिमों ने पीएम नरेंद्र मोदी से एक बड़ी मांग कर दी है. आपको बता दें कि अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर और मस्जिद के लिए लगभग एक साथ जमीन मिली. मंदिर के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का गठन हुआ, तो मस्जिद बनाने के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन बनाया गया.
जनवरी 2024 में जब श्री राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, तो वहीं अभी तक धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद की आधारशिला तक नही रखी जा सकी है. अब कई वरिष्ठ बुद्धिजीवी मुस्लिमो की तरफ से यह मांग उठी है कि मस्जिद की बुनियाद की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा रखी जाए. वहीं दूसरी तरफ बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी मस्जिद के निर्माण मैं हो रही देरी के पीछे इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को जिम्मेदार मानते हैं और उनके बारे में तल्ख टिप्पणी भी करते हैं.
‘पीएम मोदी ही रखें नई मस्जिद की भी आधारशिला’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी 2024 को श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने अयोध्या पहुंच रहे हैं. ऐसे में अयोध्या के कुछ वरिष्ठ मुस्लिम यह चाहते हैं कि मस्जिद की आधारशिला भी उन्हीं के द्वारा उसी समय रख दी जाए. इंडियन मुस्लिम लीग के अध्यक्ष मोहम्मद इस्माइल अंसारी ने कहा कि, ‘हमारे प्रधानमंत्री अयोध्या शुभ अवसर पर आ रहे हैं. हमारी उनसे इल्तिजा है कि मस्जिद का कार्य भी वह शुरू कर दें. यह हमारी दिली इच्छा है.’
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इंडियन मुस्लिम लीग के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष डॉ नजमुल हसन गनी ने कहा, ‘वह (पीएम मोदी) मंदिर के उद्घाटन के लिए अयोध्या आ रहे हैं. इसी तरीके से वह जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी और ऑल इंडिया इमाम संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर इलियासी को अपने साथ लेते आएं और धन्नीपुर मस्जिद की भी बुनियाद रखें.’ बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई मुफ्ती अब्दुल्लाह बादशाह खान ने कहा, ‘प्रधानमंत्री पूरे हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री हैं. हिंदुस्तान में जो लोग भी बसते हैं उसके भी प्रधान हैं. वे अयोध्या हिंदुओं के मंदिर का शिलान्यास व उद्घाटन करें. इसी प्रकार सुप्रीम कोर्ट ने जो बाबरी मस्जिद के लिए धन्नीपुर में मस्जिद के लिए जगह दी है वहां पर भी वे आएं. मुसलमान के सामने, मस्जिद का शिलान्यास करें. ऐसी मस्जिद का निर्माण हो कि ताजमहल जो पूरी दुनिया में जाना जा रहा है उससे भी उठकर उस मस्जिद को जाना जाए.’
बाबरी मस्जिद के मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी नई मस्जिद निर्माण में हो रही देरी के लिए सीधे तौर पर इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के ट्रस्टियों को जिम्मेदार ठहराते हैं. वह कहते हैं कि अगर ट्रस्टी सही होते तो कोई ना कोई काम अब तक आगे बढ़ गया होता, इसलिए सरकार को मस्जिद निर्माण के लिए सहयोग करना चाहिए. ट्रस्टियों को बदला भी जाना चाहिए, क्योंकि जो ट्रस्टी हैं उनके साथ कोई जुड़ना नहीं चाहता. उनके मुताबिक यही कारण है कि जन्मभूमि मंदिर बनकर तैयार हो गया है और मस्जिद का कोई काम आज तक हुआ ही नहीं .
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