यूपी में पीडीए के खिलाफ कितना कामयाब रहा PDM, ओवैसी और पल्लवी पटेल के मोर्चे का चुनाव में ऐसा हुआ हाल
Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव से पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के असुदुद्दीन ओवैसी और अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल ने अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के नारे की जगह नया नारा दिया था.
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Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव से पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के असुदुद्दीन ओवैसी और अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल ने अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के नारे की जगह नया नारा दिया था. ओवैसी और पल्लवी पटेल, पीडीएम (पिछड़ा, दलित और मुसलमान) के नारे के साथ 2024 के चुनावी मैदान में उतरे थे. PDM मोर्चे ने उत्तर प्रदेश के कई सीटों पर अपना प्रत्याशी भी मैदान में उतारे. वहीं अब लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पल्लवी पटेल और ओवैसी के इस पीडीएम मोर्चे को उत्तर प्रदेश में निराशा हाथ लगी है.
PDA के खिलाफ कितना कामयाब रहा PDM
बता दें कि जिन 18 सीटों पर पीडीएम ने चुनाव लड़ा उसमें सभी सीटों पर पीडीएम के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है. वहीं इस नए मोर्चे ने कुशीनगर में स्वामी प्रसाध मौर्य का भी समर्थन किया था हालाँकि उन्हें भी बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. स्वामी प्रसाध मौर्य का मात्र 36 हजार वोट मिले हैं. हाथरस सीट से पीडीएम के जयवीर सिंह धनगर चुनाव लड़ रहे थे जिनको मात्र 1607 वोट मिले, फिरोजाबाद सीट से प्रेम दत्त बघेल चुनाव लड़ रहे थे जिनको मात्र 2878 वोट मिले. रायबरेली सीट से मोहम्मद मोबीन चुनाव लड़ रहे थे जिनका 2174 वोट मिले. फतेहपुर सीट से रामकिशोर चुनाव लड़ रहे थे जिनका 4089 वोट मिले. भदोही सीट से प्रेमचंद बिंद चुनाव लड़ रहे थे जिनका 13689 वोट मिले. गाजीपुर सीट से ज्ञान चंद्र बिंद चुनाव लड़ रहे थे उनका 3135 वोट मिले.
किसे कहां मिले कितने वोट
लोकसभा सीट | प्रत्याशी | वोट |
वाराणसी | गगन प्रकाश द्विवेदी | 3,634 |
मिर्जापुर | दौलत सिंह | 5,235 |
भदोही | प्रेम चंद्र बिंद | 13,689 |
फूलपुर | महिमा पटेल | 4,162 |
कुशीनगर | स्वामी प्रसाद मौर्य | 36,575 |
हाथरस | जयवीर सिंह | 1,607 |
रायबरेली | मोहम्मद मोबीन | 2,174 |
बात दें कि 2022 के चुनावों मे पल्लवी पटेल नें यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को कौशांबी जिले की सिराथू सीट से हराकर सनसनी मचा दी थी. पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ी थी. 2024 के चुनाव से पहले पल्लवी पटेल और अखिलेश यादव में राज्यसभा चुनाव में खटास आ गई थी, पल्लवी ने लोकसभा सीटों को लेकर अड़ गईं, लेकिन अखिलेश ने इनकार कर दिया. लिहाजा गठबंधन टूट गया और उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ गठबंधन किया. ये गठबंधन कुछ खास नहीं कर सका.
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