यूपी में क्यों हारी BJP? इसका जवाब राहुल गांधी और PM मोदी से जुडे़ इस आंकड़े में छिपा है
इस बार राहुल गांधी ने अमेठी की जगह रायबरेली सीट से चुनाव लड़ा था और उन्हें जीत भी हासिल हुई. इस बीच राहुल गांधी को लेकर एक चौंकाने वाले खुलासा हुआ है और इससे यह पता चल रहा है कि यूपी में 'मोदी मैजिक' का जलवा फीका होता जा रहा है.
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UP Loksabha Result News: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे अब सबके सामने हैं. अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए इस बार सूबे में समाजवादी पार्टी ने 37 जबकि कोंग्रस ने 6 सीटें जीती हैं. यूपी में इंडिया गठबंधन ने 43 सीटों पर विजय हासिल की है, जबकि इस बार NDA कुल 36 सीटें ही जीत सका है. गौर करने वाली बात यह है कि इस बार कांग्रेस ने यूपी में शानदार परफॉरमेंस की है, जिसका श्रेय पार्टी के पूर्व मुखिया राहुल गांधी को दिया जा रहा है. बता दें कि इस बार राहुल ने अमेठी की जगह रायबरेली सीट से चुनाव लड़ा था और उन्हें जीत भी हासिल हुई. इस बीच राहुल गांधी को लेकर एक चौंकाने वाले खुलासा हुआ है और इससे यह पता चल रहा है कि यूपी में 'मोदी मैजिक' का जलवा फीका होता जा रहा है.
यूपी में PM पद के लिए मोदी के मुकाबले राहुल लोगों की पहली पसंद
द हिंदू अखबार ने CSDS के सर्वे के आंकड़ों से बताया है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का क्रेज बढ़ा है. CSDS सर्वे के अनुसार, 36% लोग राहुल गांधी को पीएम के रूप में देखना चाहते थे, जबकि केवल 32% लोगों ने नरेंद्र मोदी को पीएम के तौर पर पसंद किया. एक बात तो साफ है कि यह आंकड़ा कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के कैम्प में रोमांच पैदा करेगा, लेकिन दूसरी तरफ भाजपा के लिए यह बेहद चिंताजनक है. आपको बता दें कि CSDS ने यह सर्वे लोकसभा चुनाव के बाद किया है.
सपा की स्थापना के बाद उसका सबसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
सपा की स्थापना के बाद लोकसभा चुनावों में यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और इसका श्रेय अब अखिलेश यादव को दिया जा रहा है. सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश यादव ने न केवल अपनी पारिवारिक एकता कायम की है, जबकि 2019 में बसपा से गठबंधन के बावजूद सिर्फ पांच सीटें जीतने वाली सपा ने अकेले (यादव) परिवार में ही पांच सीटें हासिल कर ली हैं.
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सपा ने मायावती नीत बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन में पिछला चुनाव लड़ा था और पांच सीट जीती थी, लेकिन इस बार अखिलेश की पार्टी ने प्रदेश में भाजपा को करारा झटका दिया है, जिसने 2019 में 62 सीट जीती थीं.
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यह पहला आम चुनाव था और अखिलेश ने निराश नहीं किया और उनके नेतृत्व में पार्टी साल 2004 से भी बेहतर प्रदर्शन करने की ओर अग्रसर है. 2004 के चुनाव में सपा ने 36 सीट जीती थीं.
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