पत्नी अलीगढ़ की ठकुराइन…राजपूत विरोध को लेकर मेरठ BJP प्रत्याशी अरुण गोविल ने गजब कह दिया
राजपूत-ठाकुर लगातार भाजपा का विरोध कर रहा है. इसी बीच मेरठ लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार अरुण गोविल का बयान सामने आया है, जो अब वायरल हो गया है.
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Meerut News: लोकसभा चुनाव से पहले राजपूत विरोध भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. राजपूत समाज के लोग लोटे में नमक डालकर भाजपा को वोट ना देने की शपथ ले रहे हैं. हालत ये है कि पश्चिम यूपी के कई ठाकुर-राजपूत बहुल गांवों में भाजपा नेताओं का बहिष्कार किया जा रहा है. बता दें कि ठाकुर-राजपूत विरोध को काबू करने के लिए भाजपा प्रत्याशी भी पूरी कोशिश कर रहे हैं.
इसी बीच मेरठ लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी और रामायण सिरीयल में भगवान श्रीराम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल एक बार फिर चर्चाओं में आ गए हैं. दरअसल मेरठ लोकसभा क्षेत्र में भी ठाकुर-राजपूतों की संख्या अच्छी तादाद में हैं. ऐसे में भाजपा के लिए राजपूत विरोध का असर मेरठ सीट पर भी पड़ सकता है. ऐसे में अरुण गोविल ने राजपूत-ठाकुरों को मनाने की कोशिश की है.
मेरी पत्नी भी ठाकुर- अरुण गोविल
मेरठ से भाजपा उम्मीदवार अरुण गोविल ने अपनी पत्नी को ठाकुर बताया है. उनका कहना है कि मेरी पत्नी भी ठाकुर हैं. मैं उनको भी मना लेता हूं तो मैं आपको भी मना लूंगा.
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मेरठ में जनता को संबोधित करते समय अरुण गोविल ने कहा, मेरी पत्नी भी अलीगढ़ की ठाकुर है. जब वह गुस्सा होती है, तो मैं उसका ठकुराइन रूप देखता हूं. अरुण गोविल ने आगे कहा कि मैं अपनी पत्नी को उस दौरान भी मना लेता हूं. बाकी मैं आप को भी मना लूंगा.
बता दें कि अरुण गोविल अपने भाषण के दौरान इशारों ही इशारों में राजपूत-ठाकुर समाज को संदेश दे गए. अब देखना ये होगा कि राजपूत-ठाकुर समाज पर अरुण गोविल की इन बातों का क्या असर होता है.
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संविधान को लेकर भी दिया था बयान
बीते दिनों अरुण गोविल ने संविधान को लेकर भी बयान दिया था, जो काफी चर्चाओं में रहा था. उन्होंने कहा था कि जब हमारे देश का संविधान बना था, तभी से उसमे धीरे-धीरे परिस्थितियों के अनुसार थोड़ा बहुत बदलाव हुआ है. परिवर्तन प्रकृति की निशानी भी होती है. इसमें कोई खराब बात नहीं है. उस समय की परिस्थितियों कुछ और थी और आज की परिस्थितियों कुछ और है. अरुण गोविल ने आगे कहा था कि संविधान एक व्यक्ति की मर्जी से नहीं बदल सकता. मुझे लगता है कि जो 400 पार का नारा दिया गया है, मोदी जी ऐसी ही कोई भी बात नहीं कहते. उसके पीछे कुछ ना कुछ अर्थ अवश्य बोता है.
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