Ballia Lok Sabha exit poll 2024: बलिया का एग्जिट पोल, क्या सपा के सनातन पांडेय जीत रहे हैं?
यूपी समेत देशभर की लोकसभा सीटों पर वोटिंग समाप्त होने के बाद अब Lok Sabha Election 2024 के Exit poll सामने आ गए हैं. हम यहां आपको बलिया (Ballia Lok Sabha seat) लोकसभा सीट पर हुई वोटिंग के बाद यहां के स्थानीय पत्रकारों का एग्जिट पोल बता रहे हैं.
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Ballia Lok Sabha exit poll 2024: यूपी समेत देशभर की लोकसभा सीटों पर वोटिंग समाप्त होने के बाद अब Lok Sabha Election 2024 के Exit poll सामने आ गए हैं. हम यहां आपको बलिया (Ballia Lok Sabha seat) लोकसभा सीट पर हुई वोटिंग के बाद यहां के स्थानीय पत्रकारों का एग्जिट पोल बता रहे हैं. बलिया में बीजेपी ने पूर्व पीएम चंद्रशेखर के बेटे और अपने राज्यसभा सांसद नीरज शेखर को प्रत्याशी बनाया है. सपा ने यहां से सनातन पांडेय को टिकट दिया है. बसपा ने मामले को त्रिकोणीय बनाते हुए लल्लन सिंह यादव को मैदान में उतारा है. क्या इस सीट पर बीजेपी की पिछली जीत के रिकॉर्ड को सपा तोड़ने जा रही है? आइए आपको स्थानीय पत्रकारों का एग्जिट पोल बताते हैं.
पत्रकार धनंजय सिंह कहते हैं, 'बलिया का चुनाव बाकी प्रदेश से अलग है, इसका अलग मिजाज है. 2024 के लोकसभा चुनाव में यहां विकास का मुद्दा पीछे रह गया. यहां जातिगत आधार पर हुआ है. बीजेपी के कैंडिडेट नीरज शेखर एक बड़ा चेहरा हैं, लेकिन सपा यहां से ब्राह्मण कार्ड खेलकर ब्राह्मण बनाम राजपूत के मुद्दे पर ले आई. इंडिया गठबंधन ने यहां सीट फंसाने का काम किया. बाद में नारद राय और राम इकबाल सिंह ने सपा छोड़ा तो बीजेपी को इसका फायदा हुआ. नीरज शेखर पीछे चल रहे थे लेकिन इन सियासी बदलावों की वजह से यहां मुकाबला कांटे का बन गया. बीएसपी भी यहां ठीक लड़ रही है. मामला त्रिकोणीय बनता भी दिख रहा है.'
‘बसपा ने मामले को त्रिकोणीय बनाया’
पत्रकार पंकज राय बताते हैं, 'बलिया में विकास के सवाल पर कभी चुनाव नहीं होता है. बलिया में राष्ट्र के नाम पर मतदान होता रहा है. यही वजह है कि चंद्रशेखर आठ बार सांसद चुने गए. उनके काम कराने को लेकर सवाल हुए लेकिन वो लगातार जीतते गए. इस चुनाव में सपा और भाजपा के प्रत्याशी कांटे के संघर्ष में हैं. जैसे भाजपा और सपा लड़ रही है और बसपा त्रिकोणीय मुकाबला बना रही है, तो ये बताना कठिन है कि कौन जीत रहा है. मुझे लग रहा है कि बसपा को उसका कैडर वोट मिल रहा है. बलिया में बसपा के वोट वहीं पड़ते हैं जहां मायावती संदेश देती हैं. अगर बसपा प्रत्याशी लल्लन यादव थोड़ा बहुत भी यादव वोट हासिल कर ले गए तो ये सपा को नुकसान पहुंचाएगा.'
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‘बलिया में 2019 जैसी लहर नहीं’
आसिफ बताते हैं, 'बलिया में बताना मुश्किल है कि कौन पार्टी जीतेगी. यहां वोटर्स में राजनीतिक जागरुकता ज्यादा है. बलिया में चंद्रशेखर एक बड़ा चेहरा रहे हैं. यहां सपा ने सनातन पांडेय को उतार चुनाव फंसा दिया है. बीजेपी के कैंडिडेट नीरज शेखर हैं, जो मैच्योर राजनेता हैं. सनातन पांडेय के पास भी राजनीतिक अनुभव काफी है. यहां जाति का असर काफी देखा जा रहा है. बसपा का कैडर वोट भी बसपा को जा रहा है. 2019 में जैसा लहर पीएम मोदी के लिए थी, वो इस बार धीरे दिख रही है. स्थानीय मुद्दों जैसे हीटवेव इत्यादि का असर देखने को मिला है. वोटर्स अभी खुल नहीं रहे हैं. नेताओं के पार्टी छोड़ने का कुछ खास फर्क पड़ते हुए मैं नहीं देख रहा. इतना कह सकता हूं कि यहां नेक टू नेक फाइट है.'
‘ओबीसी मतदाता तय करेंगे बलिया की जीत-हार’
श्रवण कुमार पांडे बताते हैं, 'बलिया में हमारी कवरेज में दिखा कि ओबीसी मतदाता जिधर गए हैं वो ही पक्ष भारी पड़ने वाला है. ओबीसी मतदाताओं के अलावा दलित मतदाता अगर थोड़ा भी बसपा छोड़कर किसी ओर गए तो वो पक्ष चुनाव जीत जाएगा. हर विधानसभा में अलग अलग जाति समीकरण है. अगर आप पांचों विधानसभा मिला देंगे तो यहां ओबीसी मतदाताओं की अहम संख्या है.'
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सनांदन उपाध्याय कहते हैं, 'चुनाव में सपा और भाजपा की लड़ाई है. पहले सपा का पलड़ा भारी था, लेकिन 40 वर्ष राजनीति में रहे नारद राय ने जब सपा का साथ छोड़ भाजपा का साथ पकड़ा तो बीजेपी के नीरज शेखर मजबूत होते दिख रहे हैं. ये कहने में मुझे कोई गुरेज नहीं कि बीजेपी यहां भारी है, लेकिन सपा के कार्यकाल में हुए काम भी जनता के बीच चर्चा का विषय हैं. इसे लेकर जनता सपा प्रत्याशी सनातन पांडेय के पक्ष में भी जाती नजर आ रही है.'
बलिया लोकसभा चुनाव 2019 का नतीजा
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पार्टी |
प्रत्याशी |
वोट |
---|---|---|
बीजेपी |
विरेंद्र सिंह मस्त |
469,114 |
सपा |
सनातन पांडेय |
4,53,595 |
सुभासपा |
मधुसूदन त्रिपाठी |
35,900 |
हार-जीत का अंतर |
15,519 |
नोट: यह महज एग्जिट पोल और पत्रकारों के आकलन का दावा है. 4 जून को इस सीट पर नतीजे इससे अलग भी हो सकते हैं.
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