गैंगरेप के मामले में गायत्री प्रजापति समेत तीन दोषी करार, 12 नवंबर को होगा सजा का ऐलान

संतोष शर्मा

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

समाजवादी सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को गैंगरेप के मामले में दोषी करार दिया गया है. लखनऊ की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को गायत्री प्रजापति के साथ आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी दोषी करार दिया. कोर्ट अब 12 नवंबर को सजा का ऐलान करेगी.

गैंगरेप के मामले में सभी आरोपियों की कोर्ट में सुनवाई के बाद गायत्री प्रजापति, आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को दोषी करार दिया गया. तीनों ही लोगों को कोर्ट ने गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट 5G/6 में दोषी करार दिया है. कोर्ट ने बाकी चार अन्य आरोपी विकास वर्मा, अमरेंद्र सिंह सिंगर उर्फ पिंटू, चंद्रपाल, रूपेश्वर उर्फ रूपेश को बरी कर दिया है.

मिली जानकारी के अनुसार, गायत्री प्रजापति ने बुधवार को सुनवाई ‘टालने’ की कोशिश की थी. गायत्री प्रजापति की तरफ से मुकदमे की तारीख बढ़ाई जाने की मांग करते हुए कहा गया था कि दूसरे राज्य में केस ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गायत्री प्रजापति ने इस मामले में जमानत पाने के लिए तीन बार दरवाजा खटखटाया था.

4 सालों तक कोर्ट में चले इस केस में अभियोजन पक्ष की तरफ से 17 गवाह पेश किए गए. जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी के अनुसार, गायत्री प्रजापति ने कई बार केस को उलझाने की कोशिश की, लेकिन आखिर में कोर्ट ने अभियोजन की तरफ से दी गई दलील, पेश किए गए 17 गवाह और पुलिस की चार्जशीट के आधार पर गायत्री प्रजापति को दोषी करार दिया.

क्या है मामला?

बता दें कि 18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रजापति समेत सात लोगों पर गैंगरेप, जान से मारने की धमकी और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में दर्ज हुए केस में अदालत 12 नवंबर को सजा का ऐलान करेगी. इस मामले में गायत्री प्रजापति के अलावा विकास सिंह, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल और रूपेश्वर भी नामजद थे. 3 जून 2017 को इस मामले के विवेचक ने 824 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

गौरतलब है कि गायत्री प्रजापति के ऊपर चित्रकूट की रहने वाली एक महिला ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ गायत्री प्रजापति समेत अन्य छह लोगों के खिलाफ गैंगरेप का आरोप लगाया था. महिला का आरोप था कि जब वो गायत्री प्रजापति से उनके आवास पर मिलने पहुंची थी, तो प्रजापति और उनके साथियों ने उसको नशीला पदार्थ दे दिया और उसके साथ और उसकी नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप किया.

गायत्री प्रजापति और उनके साथियों के खिलाफ नाबालिग के साथ गैंगरेप की एफआईआर लिखाने के लिए मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद गायत्री प्रजापति के खिलाफ गौतमपल्ली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद गायत्री प्रजापति और उनके साथियों को लखनऊ पुलिस ने आलमबाग इलाके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, तभी से वह लखनऊ जेल में बंद हैं.

महराजगंज: गैंगरेप कर 12 वर्षीय नाबालिग की हत्या, पेट के नीचे के हिस्से को काट कर निकाला

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT