लखीमपुर खीरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट बुधवार को घोषित कर सकता है जांच कमेटी के अगुवा जज का नाम

संजय शर्मा

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उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में प्रतिदिन के आधार पर राज्य की एसआईटी जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त पूर्व न्यायाधीश से कराने के सुझाव पर सोमवार को सहमति व्यक्त की.

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ के सामने यूपी सरकार की तरफ से पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा कि कोर्ट जिस भी जज को नियुक्त करेगा वो उसे स्वीकार्य होगा.

पीठ ने एसआईटी जांच में छोटी रैंक के पुलिस अधिकारियों के शामिल होने के मुद्दे को भी उठाया और उत्तर प्रदेश काडर के उन भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों के नाम भी मांगे जो राज्य के मूल निवासी नहीं हैं, ताकि उन्हें जांच टीम में शामिल किया जा सके.

वकील हरीश साल्वे ने कहा, “हमें कहीं कोई आपत्ति नहीं है. मामला संवेदनशील है. हम भी यही चाहते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो.”

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पीठ ने कहा कि उसे संबंधित न्यायाधीश की सहमति भी लेनी होगी और इस सनसनीखेज मामले की निगरानी के लिए शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीशों के नाम पर भी विचार करना होगा. पीठ ने कहा कि नाम की घोषणा वह बुधवार को कर सकती है.

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने आठ नवंबर को जांच पर असंतोष व्यक्त करते हुए सुझाव दिया था कि जांच में ‘स्वतंत्रत और निष्पक्षता’ लाने के लिए, एक ‘अलग उच्च न्यायालय’ के एक पूर्व न्यायाधीश को दिन-प्रतिदिन आधार पर इसकी निगरानी करनी चाहिए. पीठ ने यह भी कहा था कि उसे भरोसा नहीं है और वह नहीं चाहती कि राज्य की ओर से नियुक्त एक सदस्यीय न्यायिक आयोग मामले की जांच जारी रखे.

दरअसल, लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए राज्य सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को नामित किया था.

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बता दें कि पिछले तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया क्षेत्र में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी. किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी और इस दौरान गोलियां चलाई गईं.

इस मामले में आशीष समेत अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने अपने बेटे पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वह उस वक्त मौका-ए-वारदात पर नहीं थे.

(पीटीआई-भाषा के इनपुट्स के साथ)

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