जालौन में पत्नी की हत्या कर उसकी लाश को घर का फर्श खोद दफनाया, कंकाल ने खोल दिए सारे राज

अलीम सिद्दीकी

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Jalaun News: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में करीब 5 साल पहले पति-पत्नी के रिश्ते को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया था. दरअसल, यहां पत्नी की हत्या करने के बाद उसके शव को घर के अंदर ही दफन करने वाले दोषी पति को कोर्ट ने सजा सुनाई है. आपको बता दें कोर्ट ने दोषी शख्स को उम्रकैद की सजा सुनाई है और 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में जैसे ही फैसला आया तभी मृतका की मां के चेहरे पर खुशी के भाव देखने को मिले. उनका कहना था कि अब जाकर उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिली होगी.

अब जानिए पूरा मामला

आपको बता दें कि पूरा मामला जालौन की उरई कोतवाली क्षेत्र का है. यहां सरसौखी गांव की रहने वाली उर्मिला नामक महिला ने दिसंबर 2019 में जालौन के जिलाधिकारी के यहां प्रार्थना पत्र दिया था. इसमें बताया गया कि उर्मिला ने अपनी बेटी विनीता की शादी उरई कोतवली के रहने वाले प्रमोद कुमार अहिरवार से 2011 में की थी. दोनों के तीन बच्चे थे. प्रमोद अहिरवार उर्मिला की बेटी विनीता के साथ अक्सर मारपीट किया करता था.

उर्मिला की शिकायत के अनुसार, 2018 से प्रमोद, विनीता से बात नहीं करा रहा था और यह कहकर बात टाल देता था कि वह दिल्ली में उसके साथ रह रही है. इसके बाद उर्मिला को शक हुआ कि उनकी बेटी के साथ कोई घटना हुई है. इस शिकायत पर जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट के साथ उरई कोतवाली पुलिस और सीओ को प्रमोद के घर पर भेजा था, जहां उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी.

पुलिस की पूछताछ में प्रमोद ने अपनी पत्नी विनीता की हत्या की बात कबूली और पुलिस को बताया कि उसने अपनी पत्नी की हत्या कर शव को घर के अंदर वाले कमरे में दफन कर दिया और उस पर पक्का फर्श करा दिया. इसके बाद उस कमरे की खुदाई कराई गई जिसमें एक कंकाल मिला. इसके बाद कपड़ों से मां ने पहचान लिया कि कंकाल विनीता का है. पुलिस ने फिर कंकाल बरामद कर 4 जनवरी 2020 को प्रमोद के खिलाफ हत्या की धारा में मामला दर्ज कर लिया. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज गया. मामले में अब जिला जज ने फैसला सुनाते हुए प्रमोद को आजीवन कारावास और 1 लाख 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है.

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मामले में जिला शासकीय अधिवक्ता लखनलाल निरंजन ने बताया कि, ‘उक्त मामला में पुलिस द्वारा 2 मार्च 2020 को आरोप पत्र दाखिल किए गए थे. इसके साथ ही सात गवाह अभियोजन पक्ष की ओर से दाखिल किए गए, जिसके बाद 3 साल तक चली सुनवाई के बाद प्रमोद कुमार को हत्या की धारा 302 आईपीसी के तहत जिला और सत्र न्यायाधीश लल्लू सिंह ने दोषी माना. अजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही एक लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.’

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